IBC24 Swarna Sharda 2023: बालोद जिले के ग्राम हीरापुर की रहने वाली दिव्या साहू ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बारहवीं की परीक्षा में पूरे बालोद जिले अव्वल आकर ना केवल स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया बल्कि यह बता दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है। दिव्या के पिता का लगभग नौ वर्ष पहले निधन हो गया था। उस वक्त दिव्या की माँ योगेश्वरी साहू ने अपनी तीन बेटियों के लालन पालन का बीड़ा उठाया। उनके पास केवल एक एकड़ का छोटा सा खेत था जिसके सहारे कुछ भी नहीं हो सकता था इसलिए दिव्या की माँ सरकारी कार्यक्रम के तहत मितानिन का कार्य करने लगी।
परिवार की आमदनी बहुत सीमित थी फिर भी दिव्या की माँ ने अपनी बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं राखी। उनकी बड़ी बेटी मधुबाला पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही है दूसरे नंबर की बेटी उर्वशी बीए की पढाई कर रही है। सबसे छोटी बेटी दिव्या पढ़ने में शुरू से होशियार है। दिव्या बालोद के निकट झलमला के हायर सेकेण्डरी स्कूल की छात्रा रही है अपनी मेधा के कारन वह सभी गुरुजनों की प्रिय है अपने गांव से रोज तीन किलोमीटर साइकल चलाकर वह स्कूल जाती थी और और घर आकर घंटों तक पढाई करना उसकी दिनचर्या का हिस्सा रहा है।
IBC24 Swarna Sharda 2023: पढाई के अलावा घर के काम में माँ का सहयोग करना और निबंध लिखना सब्जी उगाना ये सभी दिव्या के शौक हैं। वह खेलों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है ताइक्वांडो में वह राज्य स्तर पर मैडल ला चुकी है। परिवार की गरीबी कभी उसके रास्ते में बढ़ा नहीं बनी उसकी माँ कहती हैं कि स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप की राशि दिव्या के लिए बहुत उपयोगी होगी वैसे भी दिव्या कहती है वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहती है।