#SwarnaSharda2023: शिक्षा किसी तपस्या से कम नहीं है बहुत परिश्रम के साथ इसे साधना होता है तभी जाकर यह किसी स्वप्न को फलीभूत कराती है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज से आने वाली ग्रेसी पोर्ते भी शिक्षा की एक साधक ही है जिसने आठ आठ घंटे लगातार पढाई कर अपने भविष्य को साधा है। प्रदेश की ऊर्जा नगरी कहे जाने वाले कोरबा जिले से छत्तीसगढ़ बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में अव्वल आने वाली ग्रेसी एक साधारण आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता बीर सिंह एसइसीएल की दीपका खदान में कार्य करते हैं और और वह पढाई के लिए कोरबा में अपनी मौसी के घर पर रहती है।
#SwarnaSharda2023: बचपन से ही पढाई में होशियार ग्रेसी पोर्ते ने छत्तीसगढ़ बोर्ड की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पुरे जिले में अव्वल स्थान हासिल किया तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा उसकी इस सफलता पर कोरबा जिले के कलेक्टर संजीव झा ने बाकायदा एक समारोह आयोजित कर ग्रेसी का सम्मान किया और उसका हौसला बढ़ाया। कलेक्टर संजीव झा ने उसे आगे की पढाई के लिए एक लेपटॉप भी भेंट किया। परिवार में ग्रेसी की तीन और छोटी बहनें भी हैं। ग्रेसी आगे चलकर बैकिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती है जिसके लिए उसने कामर्स विषय का चयन भी किया है।
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#SwarnaSharda2023: ग्रेसी एक सामान्य परिवार की बेटी है उसके परिवार का भरण पोषण उसके पिता की पगार से ही होता है इसलिए वह आर्थिक सुरक्षा के महत्व को भी जानती है और अपने भविष्य के प्रति इसीलिए सजग है। आई बी सी 24 द्वारा स्थापित स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप मिलने से वह प्रसन्न है क्योंकि स्कॉलरशिप की यह राशि उसके बहुत काम आएगी। ग्रेसी अपनी इस सफलता का श्रेय सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों को भी देती है जिनके सहयोग से वह सर्वोच्च अंकों तक पहुँच पाई।
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