Danasari Anasuya Seethakka: कभी हार्डकोर नक्सली कमांडर अब सरकार में मंत्री.. सरेंडर के बाद वकालत और PhD भी, जानें कौन है सीतक्का

सीतक्का इस बार भी मुलुग सीट से किस्मत आजमा रही थी। उन्होंने बीआरएस की नागज्योति को 33 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है। सीतक्का को 1 लाख 2 हजार 267 वोट मिलें जबकि दूसरे नंबर पर रही नागज्योति को महज 68 हजार 567 वोट ही मिले।

Danasari Anasuya Seethakka: कभी हार्डकोर नक्सली कमांडर अब सरकार में मंत्री.. सरेंडर के बाद वकालत और PhD भी, जानें कौन है सीतक्का

Danasari Anasuya Seethakka (2)Danasari Anasuya Seethakka (2)

Modified Date: December 14, 2023 / 10:09 pm IST
Published Date: December 14, 2023 10:09 pm IST

हैदराबाद: 80-90 के दशक में हार्डकोर नक्सली कमांडर रही महिला आज राज्य की सरकार में मंत्री है। समाज के मुख्यधारा ने उसके जीवन को ऐसा मोड़ दिया कि आज वह पीएचडी कर चुकी है जबकि उसके पास वकालत की भी डिग्री है। शपथ ग्रहण के दौरान जब उनका नाम पुकारा गया तो पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।

दरअसल हम बात कर रहे है तेलंगाना सरकार में मंत्री बनाई गई दनसरी अनसूया सीतक्का की। सीतक्का तेलंगाना में रेवंत रेड्डी सरकार में मंत्री बनाई गई है। वह इस बार जीतकर तीसरी बार विधायक बनी है। सीतक्का के बारे में कि वह 80-90 के दशक में हार्डकोर नक्सली कमांडर हुआ करती थी। उसने अपने उम्र का ज्यादातर वक़्त जंगलों में हथियारों के बीच बिताया है। वह कई बड़े वारदातों में भी शामिल रही। राज्य की पुलिस को तब उसकी सरगर्मी से उसकी तालाश भी थी लेकिन वह हाथ नहीं आई।

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इसके बाद नक्सल आंदोलन से अलग होकर सीताक्का ने साल 1994 में एक माफी योजना के तहत पुलिस के सामने हथियार डाल दिए और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ गई। सीतक्का के इस फैसले के बाद उसके जीवन में बड़ा बदलावा आया। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और लॉ की डिग्री हासिल की। इसके बाद सीतक्का ने वारंगल के एक कोर्ट में प्रैक्टिस भी कीं।

सीतक्का ने इसके बाद राजनीति में हाथ आजमाया और वह तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गईं। साल 2004 में उन्होंने मुलुग सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। 2009 के चुनाव में सीतक्का ने मुलुग सीट पर जीत दर्ज कीं और विधायक चुनी गई। 2014 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहीं। सीतक्का साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुईं और 2018 के विस चुनाव में जीत दर्ज कीं। यह सीतक्का का अपने करियर के प्रति समर्पण ही था कि 2022 में उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान पर पीएचडी भी पूरी की। उनके इसी हौसले को देखते हुये कांग्रेस ने इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया। देखना दिलचस्प होगा कि सीतक्का अपने इस नए जिम्मेदारी को कितने बेहतर तरीके से पूरा कर पाती है।

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दर्ज की बड़ी जीत

सीतक्का इस बार भी मुलुग सीट से किस्मत आजमा रही थी। उन्होंने बीआरएस की नागज्योति को 33 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है। सीतक्का को 1 लाख 2 हजार 267 वोट मिलें जबकि दूसरे नंबर पर रही नागज्योति को महज 68 हजार 567 वोट ही मिले। यहाँ भाजपा के अजमीरा प्रह्लाद तीसरे नंबर पर रहे जिन्हें मात्र 5 हजार 388 वोट ही हासिल हुए।

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लेखक के बारे में

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