pm modi on vande mataram/ image source: ani x handle
PM Modi on Vande Mataram: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने इस गीत की ऐतिहासिक महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि वंदे मातरम् अंग्रेजों को करारा जवाब था और यह नारा आज भी हमें प्रेरणा देता है।
#WATCH | प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, “वंदे मातरम् के प्रति मुस्लिम लीग की विरोध की राजनीति तेज होती जा रही थी, मोहम्मद अली जिन्नाह ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1937 को वंदे मातरम् के विरुद्ध नारा बुलंद किया। फिर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष… pic.twitter.com/0QAZUucWhe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 8, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम् के इतिहास से जुड़े एक अहम घटनाक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1937 में जब मुस्लिम लीग ने वंदे मातरम् के विरोध में आवाज उठाई, तो कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू ने इसका समर्थन करने के बजाय इसका विरोध करने का तरीका अपनाया।
मोदी ने कहा कि 15 अक्टूबर 1937 को मोहम्मद अली जिन्नाह ने वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया, जिसके बाद नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पत्र लिखकर इस गीत की पृष्ठभूमि पर सवाल उठाए थे।
इसके बाद कांग्रेस ने वंदे मातरम् के उपयोग पर सवाल उठाया और 26 अक्टूबर 1937 को कोलकाता में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस गीत के उपयोग पर समझौता किया। पीएम मोदी ने इस निर्णय को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला कांग्रेस द्वारा मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेकने जैसा था, जबकि वंदे मातरम् भारतीय एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक था।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि इस गीत को गांधी जी भी बेहद पसंद करते थे और उनके लिए यह गीत राष्ट्रीय ध्वज के समान था। मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् ने पूरे राष्ट्र को एकजुट किया और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस गीत ने एक नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत न केवल हमें अपनी पहचान और गौरव का अहसास कराता है, बल्कि आज भी देशवासियों को एकजुट करने का काम करता है।