PM Modi on Vande Mataram: संसद में पीएम मोदी बोले-वंदे मातरम् के साथ किया गया विश्वासघात, नेहरू ने कहा था, इससे मुस्लिम भड़क सकते हैं…

प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम् के इतिहास से जुड़े एक अहम घटनाक्रम का भी जिक्र किया।

PM Modi on Vande Mataram: संसद में पीएम मोदी बोले-वंदे मातरम् के साथ किया गया विश्वासघात, नेहरू ने कहा था, इससे मुस्लिम भड़क सकते हैं…

pm modi on vande mataram/ image source: ani x handle

Modified Date: December 8, 2025 / 02:17 pm IST
Published Date: December 8, 2025 2:16 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पीएम मोदी ने वंदे मातरम् पर चर्चा की।
  • 1937 में कांग्रेस ने वंदे मातरम् पर समझौता किया-पीएम।
  • पीएम मोदी ने मुस्लिम लीग की आलोचना की।

PM Modi on Vande Mataram: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने इस गीत की ऐतिहासिक महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि वंदे मातरम् अंग्रेजों को करारा जवाब था और यह नारा आज भी हमें प्रेरणा देता है।

इतिहास से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र किया

प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम् के इतिहास से जुड़े एक अहम घटनाक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1937 में जब मुस्लिम लीग ने वंदे मातरम् के विरोध में आवाज उठाई, तो कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू ने इसका समर्थन करने के बजाय इसका विरोध करने का तरीका अपनाया।

मोहम्मद अली जिन्नाह थे वंदे मातरमके खिलाफ-पीएम

मोदी ने कहा कि 15 अक्टूबर 1937 को मोहम्मद अली जिन्नाह ने वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया, जिसके बाद नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पत्र लिखकर इस गीत की पृष्ठभूमि पर सवाल उठाए थे।

इसके बाद कांग्रेस ने वंदे मातरम् के उपयोग पर सवाल उठाया और 26 अक्टूबर 1937 को कोलकाता में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस गीत के उपयोग पर समझौता किया। पीएम मोदी ने इस निर्णय को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला कांग्रेस द्वारा मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेकने जैसा था, जबकि वंदे मातरम् भारतीय एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक था।

महात्मा गांधी का भी किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि इस गीत को गांधी जी भी बेहद पसंद करते थे और उनके लिए यह गीत राष्ट्रीय ध्वज के समान था। मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् ने पूरे राष्ट्र को एकजुट किया और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस गीत ने एक नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत न केवल हमें अपनी पहचान और गौरव का अहसास कराता है, बल्कि आज भी देशवासियों को एकजुट करने का काम करता है।

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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।