annual function ban/ image source: IBC24
School Annual Function Ban: सरकारी स्कूलों से जुड़ा एक अहम फैसला सामने आया है, जिसने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि 31 दिसंबर 2025 के बाद सरकारी माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में कोई भी वार्षिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। हालांकि, चालू शैक्षणिक सत्र को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्कूलों को एक बार की विशेष छूट जरूर दी है, लेकिन इसके बाद किसी भी तरह की अनुमति नहीं मिलेगी।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, जिन स्कूलों ने अब तक अपना वार्षिक समारोह आयोजित नहीं किया है, वे केवल इस वर्ष 31 दिसंबर तक ही कार्यक्रम कर सकते हैं। इससे पहले वार्षिक कार्यक्रमों की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 तय की गई थी, लेकिन कुछ स्कूलों की ओर से समय पर आयोजन न हो पाने के कारण सरकार ने सीमित अवधि के लिए राहत दी है।
School Annual Function Ban: विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह अंतिम और एकमात्र विस्तार है। 31 दिसंबर के बाद किसी भी सूरत में वार्षिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि भविष्य में इस विषय पर किसी भी प्रकार की सिफारिश या अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सरकार ने उन स्कूलों पर भी सख्ती दिखाई है, जो तय समय सीमा तक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सके। ऐसे सभी स्कूलों को स्कूल-वार विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें देरी के ठोस और अनिवार्य कारण बताने होंगे। यह रिपोर्ट 15 जनवरी 2026 तक शिक्षा निदेशालय को भेजना अनिवार्य किया गया है।
School Annual Function Ban: जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी संस्था प्रमुखों द्वारा इन आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बाद में सामने आया कि यह आदेश हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया है और इसे स्कूल शिक्षा निदेशक, हिमाचल प्रदेश ने लागू किया है। यह फैसला पूरे राज्य के सभी सरकारी माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों पर प्रभावी होगा।
इसी बीच, राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक सकारात्मक पहल भी चर्चा में रही। हाल ही में मुख्यमंत्री ने धर्मशाला के सराह क्षेत्र में स्थित टोंग लेन स्कूल में पढ़ने वाले और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले करीब 160 वंचित बच्चों को भारत–दक्षिण अफ्रीका टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच स्टेडियम में लाइव देखने का अवसर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह कदम मुख्यमंत्री द्वारा पहले किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में उठाया गया था। सीमित संसाधनों वाले इन बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच देखना किसी सपने के सच होने जैसा अनुभव रहा।