‘विश्व गौरैया दिवस’: ऐसे बचेगी प्यारी गौरैया, फुदकते हुए आएगी घर
'विश्व गौरैया दिवस': ऐसे बचेगी प्यारी गौरैया, फुदकते हुए आएगी घर
नई दिल्ली। हर साल 20 मार्च को दुनिया भर में ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है। पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने के मकसद से ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। जिसके बाद से दुनिया के कई देशों में विश्व गौरेया दिवस मनाया जाता है।
Read More News: मिलेगी एक माह की एक्स्ट्रा सैलरी, इस राज्य की सरकार ने किया ऐलान
पक्षियों की चहचहाहट कितना प्यार और सुकुन देने वाला होता है। लेकिन बदलते दौर में अब ये नजर नहीं आ रहा है। बचपन में भी अक्सर अपने घर में आंगन में गौरेया को फुदकत देखा है। लेकिन अब जैसे गायब ही हो गई है। दुनिया में घटती गौरेया की संख्या को देखते हुए और इसके संरक्षण के लिए दुनिया में विश्व गौरेया दिवस मनाया जाने लगा।
Read More News: कोरोना का कमबैक…खतरे की नई दस्तक! छत्तीसगढ़ में कोरोना का कमबैक क्यों और कैसे हुआ?
ऐसे बचेगी प्यारी गौरेया
तेजी से से विलुप्त होती गौरैया इस बात का संकेत है कि हमारे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में हमें इसके संरक्षण के लिए आगे आना होगा। इमें गौरैया के संरक्षण के बारे में सोचना होगा। क्योंकि प्रकृति ने जो कुछ भी रचा वह सब हमारे अस्तित्व का हिस्सा है। अगर ये दुनिया से खत्म हो जाएगा तो मानव जीवन भी खत्म होने में देरी नहीं लगेगी। प्यारी गौरेया को बचाने के लिए हमसब को मिलकर जन जागरण अभियान चलाकर इस पहल करने की जरूरत हैं। अगर आज हम गौरेया को बचाने में सफल होते हैं तो पर्यावरण के साथ-साथ हमारी आने वाली पीढ़ियां गौरेया की चहचहाहट सुन पाएंगी। एक छोटे से प्रयास से हम दुनिया से खत्म होती गौरेया को बचा सकते हैं।
Read More News: GATE-2021 में रायपुर की विधुश्री पांडेय ने हासिल किया 510 रैंक, NIT में कर रही फाइनल ईयर की पढ़ाई
गौरेया के लिए आप अपने घर की छत पर दाना रख। आप अगर रोज ऐसे करते हैं तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब आपकी सुबह पक्षियों की चहचहाहट के साथ सुबह होगी। दाना के साथ पानी भी जरूर रखें। आस-पास पेड़ पौधा भी लगाए। अगर घर में गार्डन है तो आप अच्छे से पक्षियों की देखभाल कर सकते हैं। गौरैया समेत अन्य पक्षियों हरियाली को देखकर खुद चली आती है। वहीं पक्षियों के घोंसले लगाना चाहते हैं तो बाजार में खरीदी सकते हैं। बाजार में कई तरह के आर्टिफीशियल घोंसले उपलब्ध है।
Read More News: ‘महाराज’ बन गए ‘भाई साहब’! सिंधिया पर बार-बार क्यों निशाना साध रही कांग्रेस?

Facebook



