Delhi Lal Qila Blast News: बड़ी खबर..! लाल किला नहीं बल्कि राम नगरी अयोध्या में ब्लास्ट करना चाहते थे आतंकि, यूपी का ये बड़ा शहर भी था निशाने पर…

उत्तरप्रदेश की राम नगरी अयोध्या से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। खबर ये है कि, 10 नवंबर को जो लाल किला में कार ब्लास्ट हुआ उसमे आतंकियों का असल निशाना दिल्ली नहीं बल्कि राम नगरी अयोध्या थी।

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  • Publish Date - November 12, 2025 / 12:52 PM IST,
    Updated On - November 12, 2025 / 01:43 PM IST

delhi lal qila blast news/ image source: alexboy_amit x handle

HIGHLIGHTS
  • अयोध्या- दिल्ली कार ब्लास्ट अपडेट
  • ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार आतंकियों ने किया बड़ा खुलासा
  • अयोध्या में विस्फोट करना चाहते थे आतंकी

Delhi Lal Qila Blast News: अयोध्या: उत्तरप्रदेश की राम नगरी अयोध्या से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। खबर ये है कि, 10 नवंबर को जो लाल किला में कार ब्लास्ट हुआ उसमे आतंकियों का असल निशाना दिल्ली नहीं बल्कि राम नगरी अयोध्या थी।

आतंकियों का असली निशाना अयोध्या

Delhi Lal Qila Blast News: ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार आतंकियों ने बड़ा खुलासा किया है। आतंकियों के मुताबिक उनका मुख्य लक्ष्य अयोध्या में विस्फोट करना था। इसके अलावा, वाराणसी को भी उनका निशाना बनाया गया था। यही नहीं महिला डॉक्टर शाहिन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल को एक्टिवेट कर रखा था।

आतंकियों का नेटवर्क स्लीपर सेल से लगातार जुड़ा था

Delhi Lal Qila Blast News: पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि आतंकियों का नेटवर्क स्लीपर सेल से लगातार जुड़ा था। इस नेटवर्क का संचालन शाहीन कर रहा था। शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल को सक्रिय (एक्टिवेट) कर रखा था और इस मॉड्यूल के माध्यम से बड़े पैमाने पर दहशत फैलाने की योजना बनाई जा रही थी।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह योजना दिल्ली और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में हमलों की श्रृंखला का हिस्सा थी। आतंकियों ने माना कि वे शहरों में भय और असुरक्षा पैदा करना चाहते थे, लेकिन समय पर कार्रवाई और सतर्कता के कारण बड़े हमले को रोका जा सका।

अयोध्या और वाराणसी में सुरक्षा बढ़ी

अयोध्या और वाराणसी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी तेज कर दी गई है। नागरिकों को भी पुलिस की ओर से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की गई है। इस मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि स्लीपर सेल नेटवर्क और स्थानीय मॉड्यूल्स आतंकवादियों के लिए बड़ी खतरा बन सकते हैं, और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ही इन हमलों को रोकने का सबसे बड़ा माध्यम है।

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