Ram Lalla Surya Tilak LIVE: रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक, विशेष आरती भी हुई, थोड़ी देर में होंगे दर्शन
रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक...Ram Lalla Surya Tilak LIVE: Ramlala's Surya Tilak on Ram Navami, special Aarti also took place, darshan
Ram Lalla Surya Tilak LIVE | Image Source | ANI
अयोध्या: Ram Lalla Surya Tilak LIVE: अयोध्या में रामनवमी के पावन अवसर पर आज एक ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण साक्षात हुआ जब प्रभु श्रीराम के बालस्वरूप रामलला का सूर्य तिलक संपन्न हुआ। जैसे ही सूर्य की किरणें मंदिर की विशेष व्यवस्था के माध्यम से गर्भगृह तक पहुंचीं वैसे ही रामलला के ललाट पर सूर्य का शुभ स्पर्श हुआ जिससे पूरा वातावरण भक्ति और आस्था में डूब गया।
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Ram Lalla Surya Tilak LIVE: इस अवसर पर विशेष आरती का आयोजन किया गया जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद और भजन-कीर्तन के बीच राम भक्तों ने जय श्रीराम के जयकारों से मंदिर परिसर को गुंजायमान कर दिया। यह दिव्य क्षण उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावुक और अद्भुत रहा जो इस ऐतिहासिक सूर्य तिलक के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। अब कुछ ही देर में रामलला के दर्शन का कार्यक्रम प्रारंभ होगा। भक्तों की लंबी कतारें पहले से ही मंदिर परिसर में मौजूद हैं, और पूरे परिसर को दिव्य पुष्प सज्जा, दीपों और ध्वजों से अलंकृत किया गया है।
#WATCH राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला का ‘सूर्य तिलक’ किया गया।
राम नवमी के दिन दोपहर ठीक 12 बजे ‘सूर्य तिलक’ किया गया, जब सूर्य की किरणें राम लला की मूर्ति के माथे पर पड़ती हैं, जिससे एक दिव्य तिलक बनता है।
(वीडियो: डीडी) pic.twitter.com/SyE4HgT8W0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 6, 2025
Ram Lalla Surya Tilak LIVE: यह सूर्य तिलक न केवल आधुनिक तकनीक और प्राचीन आस्था का संगम है, बल्कि यह प्रभु श्रीराम के दैवीय स्वरूप और सूर्य वंशीय परंपरा की अनूठी प्रस्तुति भी है। इस विशेष अवसर को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं, वहीं लाखों भक्त लाइव प्रसारण के माध्यम से इस पावन दृश्य का आनंद ले रहे हैं। अयोध्या में रामनवमी के शुभ अवसर पर आज जो दृश्य साकार हुआ, वह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि विज्ञान और श्रद्धा का अनुपम मेल है। सूर्य तिलक की यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से इतनी अद्भुत है कि यह अपने आप में एक मिसाल बन गई है।
कैसे हुआ सूर्य तिलक?
- जैसे ही सूर्य की किरणें मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे विशेष दर्पण पर पड़ीं, वहां से यह परावर्तित होकर नीचे की ओर एक पीतल के पाइप में पहुंचीं।
- इस पाइप में एक और दर्पण लगा था, जिससे किरणें 90 डिग्री के कोण पर घूम गईं।
- फिर, इस लंबवत पाइप में लगे तीन अत्याधुनिक लेंसों से होती हुई ये किरणें गर्भगृह तक पहुंचीं।
- अंत में गर्भगृह में लगे विशेष दर्पण से परावर्तित होकर ये किरणें दोबारा 90 डिग्री कोण पर घूमीं और 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।

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