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Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या: अयोध्या में मंगलवार को इतिहास रचने वाले धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम के बीच राजनीति भी गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया है कि उन्हें रामलला के दरबार में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जानबूझकर आमंत्रित नहीं किया गया।
रामलला के दरबार में धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में मुझे न बुलाए जाने का कारण मेरा दलित समाज से होना है।
तो यह राम की मर्यादा नहीं,
किसी ओर की संकीर्ण सोच का परिचय है।राम सबके हैं।
मेरी लड़ाई किसी पद या निमंत्रण की नहीं, सम्मान, बराबरी और संविधान की मर्यादा की है।#Ayodhya
— Awadhesh Prasad (@Awadheshprasad_) November 25, 2025
सांसद ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि, “धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में मुझे इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि मैं दलित समाज से आता हूं।” अवधेश प्रसाद ने इसे संकीर्ण मानसिकता करार देते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से भगवान राम की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, “राम सबके हैं। मेरी लड़ाई किसी पद या निमंत्रण की नहीं, बल्कि सम्मान, बराबरी और संविधान की मर्यादा की है।”
Ram Mandir Dhwajarohan: इधर, दूसरी ओर अयोध्या ने एक भव्य अध्यात्मिक उत्सव का साक्षात्कार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के ‘शिखर’ पर पवित्र भगवा ध्वज फहराकर इस ऐतिहासिक दिन को अविस्मरणीय बना दिया। समारोह के दौरान पूरा परिसर जय श्रीराम के उद्घोषों से गूंज उठा और भक्तों की भावनाओं का ज्वार देखते ही बन रहा था।
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस अवसर को “विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक संदेश” बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह संकेत है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भव्य निर्माण अपने पूर्णत्व को प्राप्त कर चुका है। उनका कहना था कि सदियों की प्रतीक्षा, संघर्ष और भावनाओं का यह पर्व अब एक भव्य रूप में सामने आ चुका है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत बनेगा।
Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या में लगे विशाल ध्वज को आध्यात्मिक ऊर्जा, विश्वास और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बताया जा रहा है। ध्वजा स्थापना के क्षण को देखने के लिए देश-दुनिया से हजारों भक्त अयोध्या पहुंचे थे। इस अवसर पर शहर को विशेष रूप से सजाया गया, सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए और मंदिर परिसर में दिव्य सजावट की गई।