Shravasti Madarsa News: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, श्रावस्ती में बंद किए गए 30 मदरसों को खोलने का आदेश जारी, शैक्षणिक गतिविधियों पर लगी रोक भी हटाई
Shravasti Madarsa News: कोर्ट ने साथ ही इन संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधियों पर लगी रोक को भी हटा दिया। यह निर्णय जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने मुकदमा संख्या 5521/2025 की सुनवाई के बाद दिया।
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- जमीयत उलमा-ए-हिंद की पैरवी
- पहले मिली थी आंशिक राहत
- मुकदमे और समन्वय की पृष्ठभूमि
लखनऊ : Shravasti Madarsa News, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए श्रावस्ती जिले में बंद किए गए 30 दीनी मदरसों को दोबारा खोलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साथ ही इन संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधियों पर लगी रोक को भी हटा दिया। यह निर्णय जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने मुकदमा संख्या 5521/2025 की सुनवाई के बाद दिया।
जमीयत उलमा-ए-हिंद की पैरवी
इस मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वकालत की गई। टीम में सीनियर एडवोकेट प्रशांत चंद्रा, एडवोकेट अविरल राज सिंह और एडवोकेट अली मुईद शामिल रहे। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि सरकार ने धार्मिक शिक्षा पर रोक लगाने का फैसला बिना सुनवाई का अवसर दिए लिया था, जो न्यायसंगत नहीं है।
पहले मिली थी आंशिक राहत
Shravasti Madarsa News, हाईकोर्ट ने इससे पहले 7 जून 2025 को मदरसों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई थी। उस समय कोर्ट ने पाया था कि सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिसों का नंबर एक ही था, जिससे प्रक्रिया पर सवाल उठे। इस कार्रवाई से श्रावस्ती के अन्य मदरसों में भी भय का माहौल बन गया था।
मुकदमे और समन्वय की पृष्ठभूमि
जमीयत और मदरसों के बीच लगातार बातचीत के बाद 26 मदरसों ने 25 मई 2025 को लखनऊ बेंच में मुकदमा दायर किया। इसमें मदरसा़ मुईन-उल-इस्लाम बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मुख्य पक्ष बना।
मदरसों और वकीलों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी जमीयत उलमा-ए-हिंद के पदाधिकारियों ने निभाई। इनमें जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, जमीयत उलमा एटा के अध्यक्ष मौलाना तारिक शम्सी, मौलाना जुनैद अहमद और जमीयत उलमा श्रावस्ती के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल मनान कासमी प्रमुख रहे।
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