लखनऊ, छह दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि बाबा साहेब की मूर्ति के किनारे चारदीवारी बनाई जाएंगी और साथ ही छत्र का निर्माण भी होगा।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा,” प्रायः कुछ शरारती तत्व मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास करते हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है कि जहां भी बाबा साहेब की मूर्तियां लगी हैं, वहां चारदीवारी बनाकर उन मूर्तियों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही मूर्तियों पर छत्र भी लगाया जाएगा, जिससे बाबा साहेब की मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।”
योगी ने डॉ. निर्मल के उस वक्तव्य का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी, संविदा, सफाई कर्मचारियों को उचित मानदेय मिले।
योगी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने एक निगम का गठन किया है। अगले एक-दो महीने के अंदर ही सरकार चतुर्थ श्रेणी, संविदा, सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय देने की गारंटी उपलब्ध कराएगी। जीरो पॉवर्टी अभियान भी उसी का हिस्सा है। अभी भी जो वंचित हैं और सुविधा का लाभ नहीं पा सके, उनके लिए कार्य हो रहे हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग के गरीबों को चिह्नित करने का कार्य लगभग तय हो गया है। किसी के राशन, पेंशन कार्ड बन रहे हैं तो किसी को अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि जिसके पास आवास, आयुष्मान कार्ड नहीं होगा, उन्हें आवास व पांच लाख रुपये के आयुष्मान की सुविधा भी दिलाएंगे। कोई भी गरीब-वंचित अभावग्रस्त नहीं रहेगा। ‘डबल इंजन’ सरकार उसे सभी सुविधाओं से संपन्न कराने का कार्य कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भीमराव आंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनके एक बयान को याद करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने एक बार कहा था कि “जो व्यक्ति भारत की धरती पर पैदा हुआ है, भारत की सुविधाओं का इस्तेमाल करता है, फिर भी भारत की धरती को अपवित्र मानता है, उसकी बातें कभी भी भारतीयों के हित में नहीं हो सकतीं।”
लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ (पुण्यतिथि) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर ने उस समय हमें उन सभी खतरों से आगाह किया था। याद रखें, उस समय 1923 में एक प्रमुख नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहते हुए वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया था।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उस व्यक्ति के जीवन के आखिरी पल आए, तो उन्होंने यरुशलम में मृत्यु की इच्छा जताई।
आदित्यनाथ ने कहा, “उस समय बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने एक बयान दिया था कि जो व्यक्ति भारत की धरती पर पैदा हुआ है, भारत की सुविधाओं का इस्तेमाल करता है, फिर भी भारत की धरती को अपवित्र मानता है, उस व्यक्ति की बातें कभी भी भारतीयों के हित में नहीं हो सकतीं।”
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जो लोग तुष्टीकरण की नीति पर चल रहे हैं, वे न केवल भारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी अपमान कर रहे हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, “उनके प्रयासों का एक हिस्सा देशवासियों को उनकी सुविधाओं से वंचित करना भी है।”
कांग्रेस की वेबसाइट के अनुसार, मौलाना मोहम्मद अली जौहर ने 1923 में कांग्रेस के काकीनाडा अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए उनके चारों ओर दीवार का एक सुरक्षा घेरा बनाएगी।
आदित्यनाथ ने कहा, “आज हमारी सरकार एक और अहम फैसला लेने जा रही है, और वह फैसला यह है कि उत्तर प्रदेश में जहां भी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं लगी हैं, वहां कुछ शरारती तत्व अक्सर आकर इन प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। वे उन्हें नुकसान पहुंचाने की बुरी कोशिशें करते हैं। अब हमारी सरकार इन प्रतिमायों के चारों ओर दीवार बनाकर उनकी सुरक्षा के लिए एक प्रणाली बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुष्टिकरण की नीति पर चलने वाले दल न केवल भारत का अहित कर रहे हैं, बल्कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी अपमान कर रहे हैं और देशवासियों को उनकी सुविधाओं से वंचित करने की कुत्सित चेष्टा भी कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन सभी के लिए प्रेरणा दिवस है। बाबा साहेब ने जमीन से आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए परिश्रम किया। वे चुनौतियों से जूझे, कठिनाइयों का सामना किया और सामाजिक भेदभाव के रुढ़िगत विषमताओं से जकड़े समाज से उबरकर कोटि-कोटि वंचितों, दलितों, अतिपिछड़ों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए अवसर उपलब्ध कराया। महापरिनिर्वाण दिवस उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का समारोह है।
योगी ने कहा कि बाबा साहेब की शिक्षाओं से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर अभियान चल रहे हैं। बाबा साहेब ने जब भारत का संविधान बनाया तो संविधान शिल्पी के रूप में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया। उसकी प्रस्तावना में तीन महत्वपूर्ण शब्द (न्याय, समता और बंधुता) रखे थे। मोदी जी ने सबका साथ, सबके विकास के भाव के साथ बिना भेदभाव हर वंचित, दलित, गरीब, पिछड़े, महिला, युवा को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया। गरीब को राशन, वंचित को मकान, हर गरीब के घर शौचालय निर्माण, स्वास्थ्य की बेहतरीन सुविधा प्राप्त हो सके। जहां घर है, घरौनी के माध्यम से वहां का मालिकाना हक उपलब्ध कराना भी न्याय, समता व बंधुता का हिस्सा है। समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ने के लिए ऐसे अभियान चलाए गए।
योगी ने कहा कि जो भी सुविधा व संपन्नता आज प्राप्त हो रही है, वह बाबा साहेब की प्रेरणा से हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत महापुरुषों पर गौरव की अनुभूति के साथ ही उनका सम्मान करता है। पंचतीर्थ निर्माण, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी, दलित के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति समेत अन्य सुविधाएं भी उसी क्रम का हिस्सा है।
योगी ने कहा कि हर मलिन, दलित, अनुसूचित जाति- जनजाति बस्तियों को कनेक्टिविटी के साथ जोड़ने की कार्रवाई कर रहे हैं। फिर भी कहीं कुछ बचा है तो उसे पूरी तरह कनेक्टिविटी से जोड़ेंगे।
उन्होंने हर गरीब, दलित, वंचित नागरिकों को आश्वस्त किया कि बाबा साहेब की प्रेरणा से प्रेरित होकर समाज व राष्ट्र को सशक्त बनाने, भारत के संविधान के गौरव को पुनर्स्थापित करने की दिशा में डबल इंजन सरकार प्रयत्नशील होकर कार्य करेगी।
अतिथियों का स्वागत आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, आंबेडकर महासभा के प्रदेश अध्य़क्ष प्रमोद कुमार, महामंत्री अमरनाथ प्रजापति, कोषाध्यक्ष सत्या दोहरे आदि मौजूद रहे।
भाषा
जफर अरूनव रवि कांत