मथुरा (उप्र), 23 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हिन्दू पक्ष ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में भी अदालत से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
इस पर अदालत ने सोमवार को पक्षकारों से आपत्तियां आमंत्रित की।
याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में एक अर्जी के जरिए अदालत से गुहार लगाई थी। अदालत के फैसले का हवाला देते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता संजय गौड़ ने कहा, ”आपत्तियां आमंत्रित हैं, अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी ।”
अखिल भारत हिन्दू महासभा द्वारा सोमवार को सिविल जज की अदालत में पेश किए गए दावे में कहा कि जिस स्थान पर कथित ईदगाह मौजूद है वह वास्तविकता में भगवान श्रीकृष्ण के विशाल मंदिर का मूल गर्भगृह है।
ठा. केशवदेव मामले के वादीगण यूनाइटेड हिन्दू फ्रण्ट, धर्मरक्षा संघ और एक अधिवक्ता की तरफ से अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कहा गया है कि कोर्ट कमीशन से ईदगाह का सर्वे कराया जाए।
अर्जी में आशंका जताई गई है कि अदालत के ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रतिवादी सबूत नष्ट कर सकते हैं। इस मामले में आगामी एक जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
दूसरी ओर, शाही ईदगाह कमेटी के पदाधिकारीगण इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।
अखिल भारत हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र देकर कहा है कि ईदगाह में मौजूद गर्भगृह को उन्हें गंगा और यमुना के जल से धोकर पवित्र करने की अनुमति दी जाए।
इसके अलावा ठा. केशवदेव मामले के अन्य वादीगण एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी, यूनाइटेड हिन्दू फ्रण्ट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल व धर्मरक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया है।
भाषा सं जफर धीरज उमा
उमा
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