UP New Excise Policy: देसी और विदेशी.. एक दुकान में मिलेगी दोनों शराब, अब ऐसे होगा ठेकों का आवंटन, कैबिनेट ने दी नई आबकारी नीति को मंजूरी

देसी और विदेशी.. एक दुकान में मिलेगी दोनों शराब, Desi Daru and Angreji Daru will be available at same shop in Uttar Pradesh

UP New Excise Policy: देसी और विदेशी.. एक दुकान में मिलेगी दोनों शराब, अब ऐसे होगा ठेकों का आवंटन, कैबिनेट ने दी नई आबकारी नीति को मंजूरी

Damoh Crime. Image Source- IBC24 Archive

Modified Date: February 6, 2025 / 03:08 pm IST
Published Date: February 6, 2025 1:50 pm IST

लखनऊ: Desi Daru and Angreji Daru  उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। नयी नीति के तहत अब राज्य में शराब की सभी दुकानों के व्यवस्थापन का काम ई-लॉटरी के जरिये किया जाएगा। प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बुधवार शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति को अनुमोदित कर दिया है।

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Desi Daru and Angreji Daru  इस नीति में सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया है कि इस वर्ष ई-लॉटरी के माध्यम से प्रदेश की सभी देसी मदिरा की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकानों के व्यवस्थापन का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉटरी व्यवस्था में एक आवेदक को सिर्फ एक ही बार आवेदन करने का मौका मिलेगा और प्रदेश में एक आवेदक को दो से ज्यादा दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी। अग्रवाल ने बताया कि लॉटरी प्रणाली लागू की जा रही है इसलिए प्रोसेसिंग शुल्क को भी पांच श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर के नगर निगम क्षेत्र और उनके तीन किलोमीटर की परिधि का क्षेत्र शामिल होगा। प्रोसेसिंग शुल्क के तौर पर देसी मदिरा की दुकान के लिए 65 हजार रुपये, कंपोजिट दुकान के लिये 90 हजार रुपये, मॉडल शॉप्स के लिए एक लाख रुपये तथा भांग की दुकान के लिए 25 हजार रुपये की राशि तय की गई है। उन्होंने बताया कि दूसरी श्रेणी में पहली श्रेणी में शामिल महानगरों को छोड़कर बाकी जो बड़े शहर बचते हैं उनमें और उनकी तीन किलोमीटर की परिधि में मदिरा की दुकानों (देसी मदिरा, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान) के लिए क्रमश: 60 हजार रुपये, 85 हजार रुपये, 90 हजार रुपये और 25 हजार रुपये प्रोसेसिंग शुल्क तय किया गया है। तीसरी श्रेणी में सभी नगर पालिका क्षेत्रों और उनके तीन किलोमीटर की परिधि के इलाकों को शामिल किया गया है। इनमें देसी मदिरा, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान के लिए क्रमश: 50 हजार रुपये, 75 हजार, 80 हजार और 25 हजार रुपये प्रोसेसिंग शुल्क तय किया गया है।

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आबकारी मंत्री ने बताया कि चौथी श्रेणी में नगर पंचायत की सीमा और उसके तीन किलोमीटर की परिधि के इलाकों को शामिल किया गया है। इनमें प्रोसेसिंग शुल्क क्रमश: 45 हजार रुपये, 65 हजार रुपये, 70 हजार रुपये और 25 हजार रुपये रखा गया है। पांचवीं श्रेणी में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है। उनमें देसी मदिरा, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान के लिए प्रोसेसिंग शुल्क क्रमश: 40 हजार रुपये, 55 हजार रुपये, 60 हजार रुपये और 25 हजार रुपये तय किया गया है। उन्होंने बताया कि नयी नीति में कंपोजिट दुकान के रूप में एक नया मॉडल पेश किया गया है। कम्पोजिट दुकान का मतलब यह है कि अलग—अलग प्रकार की बियर और बाकी तरह की शराब की दुकानों को मिलाकर एक दुकान का स्वरूप दिया जाएगा। ऐसा होने से उपभोक्ताओं को एक ही दुकान पर सारी चीजें उपलब्ध हो जाएंगी।

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अग्रवाल ने बताया कि कंपोजिट दुकानों में एक व्यवस्था यह भी की गयी है कि अगर कहीं पर बियर की दुकान और विदेशी मदिरा की दुकान अगल-बगल है तो उन्हें एक साथ जोड़कर एक ही दुकान बना दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नयी नीति में यह भी तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश के जिन किसानों से फल खरीदकर शराब बनाई जा रही है उनकी हर जिला मुख्यालय पर एक शराब की दुकान व्यवस्थित कराई जाएगी, जिससे वह प्रोत्साहित हों। मंडल मुख्यालयों पर ऐसी दुकानों की लाइसेंस फीस 50 हजार रुपये और बाकी जिला मुख्यालयों पर 30 हजार रुपये तय की गयी है। अग्रवाल ने बताया कि इस बार एक नई व्यवस्था के तहत रेगुलर श्रेणी की विदेशी मदिरा की 90 मिलीलीटर का पैक भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्रीमियम श्रेणी की विदेशी मदिरा के 60 मिलीलीटर और 90 मिलीलीटर के पैक भी उपलब्ध होंगे। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि शीशे की बोतल में आने वाली देशी शराब को अब टेट्रा पैक में उपलब्ध कराया जाएगा, क्योंकि टेट्रा पैक में मिलावट की सम्भावना ना के बराबर होती है। उन्होंने बताया कि देशी मदिरा के मिनिमम गारंटी कोटा में पिछली बार की तरह इस बार भी 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। साथ ही वर्ष 2025-26 में लाइसेंस शुल्क 254 रुपये प्रति ‘बल्क’ लीटर थी। उसे बढ़ाकर 260 रुपये प्रति ‘बल्क’ लीटर किया जा रहा है। इसके साथ-साथ यह भी निर्णय हुआ है कि शराब की दुकान के खुले रहने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा।

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