चिकित्सकों को ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ काम करना चाहिए : मांडविया |

चिकित्सकों को ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ काम करना चाहिए : मांडविया

चिकित्सकों को ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ काम करना चाहिए : मांडविया

:   Modified Date:  December 16, 2023 / 04:28 PM IST, Published Date : December 16, 2023/4:28 pm IST

लखनऊ, 16 दिसंबर (भाषा), केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि सभी चिकित्सकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने से प्रेरणा लेते हुए ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से कार्य करना चाहिए।

मांडविया शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (लखनऊ एसजीपीजीआई) के 28वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ‘‘यह आयुर्विज्ञान संस्थान देश के बेहतरीन संस्थानों में से एक है। मेरी आशा है, जिन छात्रों ने यहां से शिक्षा ग्रहण की है, वो नागरिकों को अपनी उत्तम सेवाएं प्रदान करेंगे और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेंगे।’’

मांडविया ने कहा कि सभी चिकित्सकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने से प्रेरणा लेते हुए ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मरीज का केवल उपचार नहीं बल्की उनकी सेवा करें।’’

उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है और स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के ‘लोगो’ में धन्वंतरि की तस्वीर लगाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि धन्वंतरि भारत के लिए चिकित्सा क्षेत्र में एक प्रतीक हैं और सभी को अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। ‘लोगो’ में बदलाव गुलामी की मानसिकता को खत्म करना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में मानवबल और बौद्धिक ज्ञान का कोई संकट नहीं है। राष्ट्र निर्माण में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने इतिहास और गौरव से प्रेरणा लेकर नए भारत के विकास के लिए काम करना है। नया भारत बनाना युवाओं की जिम्मेदारी है। यह समय देश के लिए काम करने का है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत ने साबित कर दिया है कि हमारा देश कुछ भी कर सकता है।

मांडविया ने कहा कि डॉक्टर के लिए एक गरीब का जीवन भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होना चाहिए जितना कि एक धनी व्यक्ति का। हमारे देश में ऐसे डॉक्टर हैं जो लाखों रुपये कमाने की पेशकश को छोड़कर 50-100 रुपये की पर्ची काटकर गरीब का इलाज करते हैं।

कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।

भाषा जफर

धीरज

धीरज

 

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