UP Crime News: इंसानियत हुई शर्मसार, मंदिर में बुजुर्ग को अपमानित कर चटवाई पेशाब, अब आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
UP Crime News: इंसानियत हुई शर्मसार, मंदिर में बुजुर्ग को अपमानित कर चटवाई पेशाब, अब आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
UP Crime News | Photo Credit: IBC24
- लखनऊ में 60 वर्षीय दलित बुजुर्ग के साथ अमानवीय व्यवहार
- आरोपी पम्मू ने कथित रूप से पेशाब चाटने पर मजबूर किया
- SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज
लखनऊ: UP Crime News उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाली घटना में एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए उसे कथित तौर पर पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि घटना सोमवार की शाम को हुई। शिकायत में पीड़ित रामपाल रावत (60) ने कहा, ‘कल शाम मैं (लखनऊ के काकोरी इलाके में शीतला माता मंदिर में) पानी पी रहा था, तभी स्वामी कांत उर्फ पम्मू आया और मुझ पर पेशाब करने का आरोप लगाया। मैंने कहा कि मैंने पेशाब नहीं किया है, वहां पानी गिर गया है। लेकिन वह नहीं माना और मुझे जातिसूचक शब्द कहे। उसने मुझे धमकाया और मुझे जमीन चाटने पर मजबूर किया।’
UP Crime News रामपाल रावत के पौत्र मुकेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘मेरे दादाजी को सांस लेने में तकलीफ है। अगर उन्होंने दवाइयां नहीं लीं तो शायद उनकी जान नहीं बच पाएगी। कल शाम उन्हें खांसी आने लगी और इसी दौरान उन्हें थोड़ा पेशाब निकल गया। इसके बाद पम्मू वहां आया और मेरे दादाजी को जातिसूचक शब्द कहने लगा।’
मुकेश कुमार ने बताया कि इससे उसके दादा डर गए और जब उन्हें पेशाब चाटने को कहा गया तो उन्होंने उसे चाट लिया। इसके बाद, आरोपियों ने रामपाल से उस जगह को धोने को कहा और रामपाल ने तालाब के पानी से उस जगह को धोया। मुकेश ने कहा, ‘मेरे दादाजी ने रात में परिवार में किसी को भी इस घटना के बारे में नहीं बताया। उन्होंने आज घटना के बारे में बताया जिसके बाद हमने पम्मू के खिलाफ मामला दर्ज कराया।’
मुकेश ने यह भी बताया कि मुख्य मंदिर उस जगह से कम से कम 40 मीटर की दूरी पर है जहां उसके दादा ने गलती से पेशाब किया था। स्वामी कांत उर्फ पम्मू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने यह पूछे जाने पर कि क्या दलित व्यक्ति को वाकई पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया था, ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘यह जांच का विषय है। पीड़ित यह बात कह रहा है जबकि आरोपी कह रहा था कि उसे पेशाब चाटने के लिए नहीं बल्कि छूने के लिए मजबूर किया गया था। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।’
इस घटना के बाद राजनीतिक घमासान छिड़ गया और विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘किसी की भूल का अर्थ ये नहीं कि उसे अपमानजनक अमानवीय सज़ा दी जाए। परिवर्तन ही परिवर्तन लाएगा!’ इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता ने एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति को अपना पेशाब चाटने पर मजबूर किया। बुजुर्ग व्यक्ति एक मंदिर प्रांगण में बैठा था, तभी बीमारी के कारण उसने गलती से पेशाब कर दिया। गुस्साए संघ कार्यकर्ता ने मौके पर पहुंचकर उसे जातिसूचक गालियां दीं और पेशाब चाटने पर मजबूर किया।’
पोस्ट में आगे कहा गया, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तर प्रदेश में हुई यह घटना मानवता पर कलंक है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह घटना आरएसएस-भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। दलितों के प्रति नफरत उनके खून में है। इसीलिए वे संविधान को खत्म करके देश में ‘मनुवाद’ लागू करना चाहते हैं, ताकि वे जाति के आधार पर लोगों का शोषण कर सकें।’ हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी का संघ से कोई संबंध नहीं है।
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