रामपुर (हिमाचल प्रदेश), 14 अप्रैल (भाषा) हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के दिवंगत मुख्य अभियंता विमल नेगी के परिवार के सदस्यों ने सोमवार को इस मामले की पुलिस जांच पर सवाल उठाए। नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले के गोविंद सागर झील में रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था ।
नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को मिला था। मृतक के परिजन अगले दिन शव के साथ शिमला में एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
दिवंगत अभियंता की पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया था कि उनके पति को पिछले छह महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी प्रताड़ित कर रहे थे और उनके साथ दुर्व्यवहार भी करते थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि नेगी को बीमार होने के बावजूद देर रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत एचपीपीसीएल के निदेशक (विद्युत) और प्रबंध निदेशक के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और संयुक्त आपराधिक दायित्व का मामला दर्ज किया गया है।
नेगी को कथित रूप से परेशान करने वालों के खिलाफ सबूत जुटाने के बजाय, पुलिस उनकी संपत्तियों, बैंक खातों और व्यक्तिगत संबंधों की जांच कर रही है, परिवार ने सोमवार को आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में उनका विश्वास खत्म हो गया है।
मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र नेगी ने कहा, ‘‘19 फरवरी को मामला दर्ज करने के बाद, पुलिस आरोपियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने में विफल रही और ऐसा लगता है कि जांच का ध्यान दोषियों से हटाकर दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।’’
किरन नेगी समेत परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि एचपीपीसीएल के अधिकारियों का जूनियर कर्मचारियों को परेशान करने और अपमानित करने का पुराना इतिहास रहा है और विमल नेगी भी इसी तरह के दुर्व्यवहार का शिकार हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस मामले की जांच कर रही है, उससे राज्य सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर भरोसा खत्म हो गया है।
भाषा रंजन रंजन माधव
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