पूर्वांचल में बाढ़ ने रक्षा बंधन की खुशियों को किया फीका, कई लोग नाव से पहुंचे बहनों के घर

पूर्वांचल में बाढ़ ने रक्षा बंधन की खुशियों को किया फीका, कई लोग नाव से पहुंचे बहनों के घर

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  • Publish Date - August 9, 2025 / 06:13 PM IST,
    Updated On - August 9, 2025 / 06:13 PM IST

वाराणसी/बलिया (उप्र) नौ अगस्त (भाषा) पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में आई बाढ़ ने रक्षाबंधन के त्योहार में अवरोध पैदा किया और बहुत से भाइयों की कलाई सूनी रह गई। कुछ लोगों ने नाव का सहारा लेकर अपनी बहन के यहां पहुंचकर राखी बंधवाई, लेकिन बहुत से लोग इससे वंचित भी रह गये।

लोगों ने बताया कि शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में रक्षाबंधन का पर्व काफी फीका रहा। वाराणसी में वरुणा पार की निवासी मंजू देवी ने कहा कि क्षेत्र में पानी भरे होने की वजह से इस बार रक्षाबंधन में मेरे भाई नाव से आये हैं।

मंजू के भाई सौरभ गुप्ता ने कहा कि ”बहन के घर के आस पास बाढ़ का पानी जमा होने की वजह से वह हमारे घर आने से मना कर रही थी, लेकिन रक्षाबंधन का त्यौहार एक साल बाद आता है, इसलिए वह बाढ़ के बावजूद नाव का सहारा लेकर बहन के घर आए हैं।

ऐसे और भी कई लोग नाव लेकर बहन के घर पहुंचे और कुछ बहनें भी नाव से भाई को राखी बांधने पहुंची लेकिन ज्यादातर लोगों की राह बाढ़ ने रोक ली।

पाण्डेयपुर हुकुलगंज क्षेत्र के चंद्रकांत सिंह ने बताया कि कुछ घरों में पानी घुस गया है, जिससे घर के सदस्य दूसरे तल पर रह रहे हैं, कुछ लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

सिंह ने कहा कि रक्षा बंधन पर बहनों को काफी दिक्क़त हो रही है और कुछ बहनें नाव से राखी बांधने आ रही हैं।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर 69.8 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है।

वाराणसी के जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर बुधवार से ही घट रहा है।

उन्‍होंने कहा कि गंगा, अस्सी और वरुणा के कुल 28 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं, कुल 24 बाढ़ राहत शिविर बनाये गए हैं, जिनमें 4,500 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें संयुक्त रूप से कार्य कर रही है और बाढ़ राहत टीम लगातार लोगों से संपर्क करके उनकी हर प्रकार की मदद कर रही है।

उधर, बलिया जिले में गंगा नदी और सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बलिया सदर , बैरिया और बांसडीह तहसील क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

प्रशासन ने हर गांव में आवागमन के लिए नाव का प्रबंध किया है, लेकिन प्रशासन का प्रबंधन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है।

बैरिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत मिश्र के मठिया की रहने वाली ममता देवी उर्फ अनीता को यह मलाल है कि आज वह अपने भाई को राखी नहीं बांध सकीं।

अनीता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका मायका गंगा नदी के पार नौरंगा में है। वह हर साल भाई को राखी बांधने के लिए ससुराल से मायके जाती थीं, लेकिन इस साल आपदा रूपी बाढ़ ने उनका रास्ता रोक दिया।

वहीं, रामपुर दीघार गांव निवासी राजेश पांडेय ने बताया कि बाढ़ की वजह से वे अपनी बहन के ससुराल नैनीजोर नहीं जा सकें।

उन्होंने कहा कि बहुत साल बाद ऐसा हुआ है कि बाढ़ की वजह से बहन से राखी नहीं बंधवा सका।

मझौवा गांव की रिंकी सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह गंगा नदी के पार स्थित अपने मायके महुवार नहीं जा सकीं।

उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से कई फुट पानी को पार करके मायके जा पाना उनके लिए संभव नहीं हो सका। भाषा सं आनन्द पवनेश जोहेब

जोहेब