‘फर्जी अपहरण’ की साजिश रचने के आरोप में चार व्यक्ति गिरफ्तार

'फर्जी अपहरण' की साजिश रचने के आरोप में चार व्यक्ति गिरफ्तार

‘फर्जी अपहरण’ की साजिश रचने के आरोप में चार व्यक्ति गिरफ्तार
Modified Date: October 5, 2025 / 04:24 pm IST
Published Date: October 5, 2025 4:24 pm IST

लखनऊ, पांच अक्टूबर (भाषा) लखनऊ में एक ‘लापता’ युवक की सरगर्मी से की जा रही तलाश एक हैरतअंगेज मोड़ पर खत्म हुई। कथित पीड़ित, उसके पिता और दो अन्य व्यक्तियों को पुलिस को बदनाम करने के लिए ‘फर्जी अपहरण’ की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि गोसाईगंज इलाके में 22 वर्षीय सुभाष और उसके पिता रामकुमार (52) ने 27 सितंबर को ‘फर्जी अपहरण’ की साजिश रची और परिवार के सदस्यों और एक स्थानीय समुदाय के नेता को भी इसमें शामिल कर लिया ताकि सच्चाई सामने ना आ सके।

सूत्रों ने बताया कि लगभग एक हफ्ते तक स्थानीय नेताओं के फोन कॉल, सोशल मीडिया पोस्ट और पुलिस की उदासीनता के आरोपों ने स्थानीय पुलिस को सतर्क रखा। सूत्रों ने बताया कि आखिरकार सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड ने सच्चाई उजागर कर दी।

 ⁠

सूत्रों ने बताया कि रामकुमार नामक व्यक्ति ने पिछले 27 सितंबर को अपने बेटे के लापता होने की सूचना पुलिस को दी थी। सूत्रों ने बताया कि सुभाष (19) ने देर रात पुलिस हेल्पलाइन 112 पर फोन किया था। सूत्रों के अनुसार वह कथित तौर पर नशे में था और पुलिस की सेवा 112 पर कॉल करके अपशब्द कह रहा था। सूत्रों ने बताया कि उसने पिछली रात भी ऐसा ही किया था, जल्द ही पुलिस उसके घर पहुंची और उसे स्थानीय थाने ले जाया गया।

सूत्रों के मुताबिक सुभाष नशे की हालत में रात लगभग दो बजे थाने से निकला और दो बजकर 20 मिनट पर अपने इलाके में पहुंच गया। सूत्रों ने बताया कि हालांकि, भोर करीब तीन बजे उसके पिता ने थाने में फोन करके पूछा कि उसका बेटा कहां है। सूत्रों ने बताया कि इससे स्थानीय पुलिस हैरान और चिंतित हो गई।

सूत्रों ने बताया कि अगली सुबह तक परिवार और कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा सुभाष के ‘अपहरण’ के आरोपों वाले कई फोन कॉल आने से पुलिस सकते में आ गयी। सूत्रों ने बताया कि बाद में पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

सहायक पुलिस आयुक्त (गोसाईगंज) ऋषभ रुनवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”शिकायतकर्ता और उसका परिवार पहले हुई घटनाओं और कुछ स्थानीय लोगों के उकसावे की वजह से पुलिस से नाराज था। उन्होंने पहले गुमशुदगी, फिर अपहरण की कहानी गढ़ी और झूठी शिकायतें दर्ज करायीं, पुलिस पर दबाव बनाने और ध्यान खींचने के लिए अपने समुदाय और स्थानीय लोगों के बीच संदेश प्रसारित किये।”

उन्होंने बताया कि थाने के सीसीटीवी फुटेज में सुभाष रात करीब दो बजे खुर्दही बाजार से गुजरते हुए दिखा। उन्होंने बताया कि इससे उसके अपहरण के दावे गलत साबित हो गये।

रुनवाल ने बताया कि जांचकर्ताओं ने 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाली और मोबाइल लोकेशन का पता लगाया। उन्होंने कहा कि इससे इस बात की पुष्टि हो गयी कि सुभाष कभी खतरे में नहीं था।

उन्होंने बताया कि हालांकि, पकड़े जाने से बचने के लिए वह जानबूझकर अपना ठिकाना बदलता रहा और अलग-अलग नंबरों से परिवार से फोन पर संपर्क करता रहा।

रुनवाल ने बताया कि जैसे-जैसे खुलासे होते गये सुभाष के परिवार के दावे गलत साबित होते गये। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में रामकुमार, उसके बेटे सुभाष और शुभम (19) और एक स्थानीय नेता अखिलेश (45) को गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि चारों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 308-6 (अपहरण या हत्या जैसे आपराधिक मामले में झूठे आरोप का डर दिखाकर जबरन वसूली) और 248ए (चोट पहुंचाने के इरादे से अपराध का झूठा आरोप) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भाषा सलीम नेत्रपाल अमित

अमित


लेखक के बारे में