बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर उर्स का आयोजन रोकने के मामले में सुनवाई 19 मई को

बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर उर्स का आयोजन रोकने के मामले में सुनवाई 19 मई को

  •  
  • Publish Date - May 16, 2025 / 10:37 PM IST,
    Updated On - May 16, 2025 / 10:37 PM IST

लखनऊ, 16 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं से बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर उर्स आयोजित करने से कथित मेला समिति को रोकने के स्थानीय प्रशासन के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने के लिए उनके अधिकार-क्षेत्र (मुकदमा दायर करने का अधिकार) के बारे में पूछा।

याचिकाकर्ताओं को समय देते हुए पीठ ने अगली सुनवाई 19 मई को तय की है।

न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एके श्रीवास्तव (प्रथम) की पीठ ने वक्फ संख्या 19 दरगाह शरीफ, बहराइच द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे वर्तमान मामले में मुकदमा दायर करने के अपने अधिकार को साबित करें और उसके बाद ही वह याचिका को गुणदोष के आधार पर सुनवाई करेगी।

पीठ के इस सवाल से नाराज याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ वकील एल.पी. मिश्रा ने पीठ को समझाने की कोशिश की कि याचिका में यह मुद्दा नहीं है, बल्कि मुद्दा यह है कि अगर कुंभ का आयोजन हो सकता है, तो इस उर्स की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव कर रही है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म मानने के अधिकार का उल्लंघन है। हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील मिश्रा को स्पष्ट किया कि यह अदालत का अधिकार है कि वह पहले इस बात से संतुष्ट हो जाए कि याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।

पीठ ने कहा, ‘‘इस पहलू से संतुष्ट हुए बिना हम आगे नहीं बढ़ेंगे।’’

पीठ के सख्त रुख को देखते हुए मिश्रा ने पीठ से अगली सुनवाई के लिए शनिवार का दिन तय करने को कहा और वह अदालत को संतुष्ट करने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश करेंगे।

पीठ ने शनिवार को छुट्टी होने के कारण सुनवाई की तारीख तय करने से इनकार कर दिया, लेकिन मिश्रा को इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उचित आवेदन पेश करने की अनुमति दी, क्योंकि केवल वे ही छुट्टियों के दिनों में विशेष पीठ का गठन कर सकते हैं।

भाषा सं आनन्द सुरभि

सुरभि