लखनऊ, 27 जनवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को उस महिला डॉक्टर को राहत प्रदान की, जिसने दमा से ग्रस्त अपनी बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया था।
पीठ ने महिला डॉक्टर के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को दरकिनार करते हुए निर्देश दिया कि डॉक्टर द्वारा इस्तीफा देने की तिथि को उसका इस्तीफा स्वीकार माना जाए और विभाग उसे सेवा के सभी लाभ प्रदान करे।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने सहारनपुर में तैनात रहीं डाक्टर प्रियंका गर्ग की याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा कि कामकाजी महिलाओं का देर-सवेर उत्पीड़न किया जा रहा है और यह मौजूदा मामले से स्पष्ट है।
प्रियंका गर्ग ने अपनी बीमार बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी के वास्ते आवेदन किया था और जब उनके आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो उन्होंने 24 फरवरी, 2020 को इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, विभाग ने गर्ग का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और इसके बजाय ड्यूटी से गैर हाजिर रहने के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी।
गर्ग के वकील गौरव महरोत्रा ने दलील दी कि विभाग की कार्रवाई ‘‘अमानवीय और उत्पीड़न’’ वाली है।
भाषा राजेंद्र शफीक
शफीक
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