लखनऊ, एक फरवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मान्यता प्राप्त इंटरमीडिएट और हाई स्कूलों में 2013 में जारी विज्ञापन के आधार पर की गई प्रधानाचार्यों की नियुक्तियों को नौ साल की देरी होने के आधार पर बुधवार को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने यह आदेश पारित करते हुए कहा, ‘2013 में जारी विज्ञापन के आधार पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा की गई सभी नियुक्तियों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन मानते हुए खारिज किया जाता है।’
पीठ ने कहा, ‘बोर्ड अब पूरी तरह से कानून के अनुसार सभी पदों के लिए नए विज्ञापन जारी करके भर्ती के लिए कदम उठाए।’
यह आदेश 2013 के विज्ञापन के संदर्भ में प्रधानाचार्यों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं के समूह पर आया है।
भाषा सं आनन्द सिम्मी
सिम्मी
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