पेड़ काटने से पहले जान लें अदालत का ये फरमान, नहीं तो…

एक पेड़ काटने की जरूरत हो तो, दो लगाने के बाद ही काटें : अदालत

पेड़ काटने से पहले जान लें अदालत का ये फरमान, नहीं तो…
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: November 23, 2022 11:16 pm IST

लखनऊ, 23 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने की जरूरत के मद्देनजर आदेश दिया है कि जहां एक पेड़ काटना अनिवार्य हो, वहाँ अधिकारी एक के स्थान पर दो पेड़ लगाएं और उसकी समुचित देखभाल सुनिश्चित करें।

अदालत ने कहा कि कोई भी पेड़ वन विभाग की अनुमति के बाद ही काटा जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनिल कुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

 ⁠

याचिका में उस प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी जिसके तहत सीतापुर के बरगवां गांव में जल शक्ति मिशन के तहत बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए एक जमीन को चिन्हित किया गया है।

याची की ओर से दलील दी गई थी कि उक्त जमीन पर काफी मात्रा में पेड़ लगे हुए हैं, जिन्हें बोरवेल और ओवर हेड टैंक के निर्माण के लिए काट दिया जाएगा।

याचिका पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि उक्त जमीन से अब तक एक नीम, तीन चिलवाल और एक बड़हल का पेड़ हटाया गया है जिनकी उम्र करीब दो साल थी।

कहा गया कि इसके अलावा अब तक कोई पेड़ नहीं गिराया गया है और नाहीं निर्माण कार्य के लिए कोई अन्य पेड़ गिराए जाने की आवश्यकता है।

अदालत ने इस जवाब के बाद याचिका का निपटारा करते हुए, आदेश दिया कि यदि किसी पेड़ हटाना अनिवार्य हो तो एक के स्थान पर दो पेड़ लगाए जाएं।

भाषा सं जफर अर्पणा

अर्पणा


लेखक के बारे में