नेपाल में जारी हिंसा के मद्देनजर उप्र के सात जिलों से सटी सीमाओं पर कड़ी चौकसी

नेपाल में जारी हिंसा के मद्देनजर उप्र के सात जिलों से सटी सीमाओं पर कड़ी चौकसी

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  • Publish Date - September 9, 2025 / 08:25 PM IST,
    Updated On - September 10, 2025 / 12:50 AM IST

लखनऊ (उप्र), नौ सितंबर (भाषा) पड़ोसी देश नेपाल की सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ वहां जारी हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के साथ उच्‍च स्‍तरीय सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों के अनुसार नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न इलाकों में दूसरे दिन जारी हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए भारत-नेपाल के सीमावर्ती महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों के सीमाओं की भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गयी है।

नेपाल सीमा से लगने वाले उप्र के इन सातों जिलों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है।

बलरामपुर जिले की सीमाओं पर स्थित सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 22 चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और सीमा से सटे जिले के पांच थाना क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने मंगलवार को बताया कि नेपाल में दूसरे दिन भी जारी प्रदर्शन को देखते हुए नेपाल से सटी सीमा की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।

उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कवच’ समितियों को भी सक्रिय रहने एवं हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक नेपाल में रहने वाले लोग व्हाट्सएप, फेसबुक एवं मैसेंजर के जरिए भारत में रहने वाले अपने करीबियों से मुफ्त में बात कर लेते थे लेकिन नेपाल में ये सोशल मीडिया मंच प्रतिबंधित होने से परेशानियां हुईं।

भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र रनियापुर निवासी अधिवक्ता अहमद ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों के जरिये तमाम रिश्तेदारों की खैरियत मालूम हो जाया करती थी, मगर नेपाल सरकार द्वारा इन मंचों पर पाबंदी लगा देने के कारण समस्या पैदा होने लगीं थीं।

भारत नेपाल सीमा से सटे गैसड़ी क्षेत्र के विधायक राकेश यादव ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोगों को समस्या आ गई थी लेकिन नेपाल सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

नेपाल सरकार ने हिंसक आंदोलन को देखते हुए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया है।

महराजगंज के एसपी सौमेन्द्र मीणा ने बताया कि जिले के सोनौली स्थित भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोकने के लिए सीमा चौकियों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

उन्‍होंने बताया कि एसएसबी की 66वीं बटालियन के जवान, पुलिस टीम के साथ, सीमा पार करने वाले प्रत्येक यात्री और वाहन की गहन जांच कर रहे हैं। टेंपो और बस स्टैंड पर यात्रियों के पहचान पत्रों की भी जांच की जा रही है।

सील की गई सीमा का असर गोरखपुर में साफ दिखाई दे रहा है। सोनौली जाने वाली बसों में यात्रियों की संख्या में 30 से 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। सोनौली डिपो के कंडक्टरों ने बताया कि जो बसें पहले 10 मिनट में भर जाती थीं, अब उन्हें एक घंटे से ज्यादा समय लग रहा है। यूपीएसआरटीसी के परिचालक मंजीत कुमार और बंशीधर यादव ने कहा, ‘‘अगर यही स्थिति रही, तो बसें लगभग खाली ही चलने की नौबत आ जाएगी।’’

नेपाल दर्शन टूर एंड ट्रैवल्स के संदीप जायसवाल ने कहा, ‘‘तेरह ग्राहकों ने पहले ही अपनी नेपाल यात्राएं रद्द कर दी हैं।’’

अधिकारियों ने बताया कि सिद्धार्थनगर जिले की सीमाओं पर भी सुरक्षा का बेहतर बंदोबस्त किया गया है।

उधर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों में सीमाओं पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस की विशेष निगरानी लगातार जारी है।

सशस्त्र सीमा बल 42वीं वाहिनी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बताया, ‘‘सीमा पर आवागमन अन्य दिनों के मुकाबले आधा हो गया है। हमने आवागमन पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन हम नेपाल जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सीमा पर रोक कर सलाह दे रहे हैं कि अनावश्यक नेपाल जाने की जरूरत नहीं है। अधिकतर लोग सुरक्षा बलों की बात मानकर वापस लौट रहे हैं। भारत से नेपाल जा रहे नेपाली नागरिक अपने देश जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सोमवार से ही सीमा पर सतर्कता बरत रहे थे, लेकिन आज नेपालगंज में फैले रोष के मद्देनजर हमने सीमा पर सुरक्षा और बढ़ा दी है। हमने यूपी पुलिस के साथ मिलकर गहन निगरानी करते हुए सभी टीम को अलर्ट किया है।’’

कुछ लोग यह मान रहे हैं कि बीती देर रात नेपाल में सोशल मीडिया मंच पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से आपसी संपर्क के मुद्दे पर थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अशांति पूर्ण माहौल से लोगों में चिंता व्याप्त है।

नेपाली शहर नेपालगंज से सटे भारतीय कस्बा रुपईडीहा के नगर पंचायत चेयरमैन डॉक्टर उमाशंकर वैश्य ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सुरक्षा बलों के साथ हम लोग भी अपने नागरिकों को पड़ोसी राष्ट्र में हालात सामान्य होने तक अकारण नेपाल न जाने की सलाह दे रहे हैं।’’

श्रावस्ती के पुलिस अधीक्षक राहुल भाटी के कार्यालय से जारी अधिकारिक सूचना में तथा बहराइच के अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) दुर्गा प्रसाद तिवारी ने कहा, ‘‘नेपाल में अशांति की खबरों के आते ही सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गयी है। एसएसबी, वन विभाग व अन्य विभागों के साथ तालमेल बिठाकर सीमा पर हर पल संयुक्त गश्त की जा रही है। सीमावर्ती थानों को अतिरिक्त सुरक्षा बल दिया गया है।’’

सोमवार देर रात नेपाल सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने के साथ मंगलवार सुबह नेपाल में अधिकतर सोशल मीडिया मंच ने काम करना शुरू कर दिया।

बहराइच से सटे नेपाली शहर नेपालगंज के व्यापारी विकास गुप्ता ने मंगलवार दोपहर व्हाट्सएप कॉल पर बताया कि प्रदर्शन में युवाओं की मौत से यहां काफी लोग नाराज हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘आज नेपालगंज में भी युवकों ने उग्र प्रदर्शन किया है। नेपालगंज के सभी स्कूल बंद हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। भारत की ओर से चौपहिया वाहनों का सुरक्षा कारणों से नेपाल आगमन रोका जा रहा है।’’

गौरतलब है कि नेपाल सरकार ने तीन सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया मंच पर प्रतिबंध लगाया था।

लखीमपुर खीरी के एसपी संकल्प शर्मा ने पत्रकारों को बताया, ‘‘स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एसएसबी के जवानों को सीमा पर हो रहे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खीरी से नेपाल जाने वाले व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है।’’

इस बीच, नेपाल के धनगढ़ी कस्बे तक फैले आंदोलन के मद्देनजर लोगों ने धनगढ़ी जाने से परहेज किया। नेपाल से लोगों की बहुत कम आमद के कारण गौरीफंटा इलाके के स्थानीय बाजार मंगलवार को सूने रहे।

उधर, पीलीभीत जिले में नेपाल देश में जारी घटनाक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित महेंद्र नगर और धनगढ़ी नगर की सीमा पर स्थिति सामान्य रहने की खबर है।

एसएसबी सेनानायक शेर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हम पीलीभीत डीएम, एसएसपी के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीलीभीत नेपाल सीमा पर स्थित सभी गांवों में पूर्ण शांति है। नेपाल देश के महेंद्र नगर से भी प्रदर्शन के समाचार नहीं मिल रहे हैं।

पीलीभीत के जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रशासन को केंद्र अथवा प्रदेश सरकार से अब तक किसी प्रकार के दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। सीमा पर सभी गांवों के प्रधानों से संपर्क बराबर बना हुआ है। डीएम ने बताया कि एसएसबी कमांडेंट शेर सिंह ने उन्हें बताया कि नेपाल क्षेत्र में प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को प्रवेश के लिए एसएसबी को संज्ञान देना होगा।

पीलीभीत एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि एसएसबी के साथ सीमा पर संयुक्त गश्त लगातार जारी है। सीमा से सटे थाने माधोटांडा, हजारा और न्यूरिया अपनी सतर्कता बनाए हुए हैं।

पीलीभीत के मोहल्ला खकरा निवासी सुभाष देवल ने बताया कि उनके संबंधी कई परिवार नेपाल के महेंद्र नगर और धनगढ़ी में पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं। वे सभी वहां पर अपना स्थाई व्यापार भी कर रहे हैं और नागरिकता लेकर भी रह रहे हैं। वे सभी सुरक्षित और सामान्य स्थिति में है।

भाषा सं. सलीम आनन्द सुरभि

सुरभि