नागरिकों की सुरक्षा संबंधी मौजूदा कानून में पत्रकार भी आच्छादित : मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना

नागरिकों की सुरक्षा संबंधी मौजूदा कानून में पत्रकार भी आच्छादित : मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 07:18 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 07:18 PM IST

लखनऊ, 12 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा संबंधी मौजूदा कानून में पत्रकार भी आच्छादित हैं।

विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य इंजीनियर सचिन यादव उर्फ जखई यादव के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों सहित प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ”नागरिकों की सुरक्षा संबंधी मौजूदा कानून में पत्रकार भी आच्छादित हैं।”

सचिन यादव ने प्रश्न किया था कि क्‍या सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने पर विचार करेगी और क्या इसके लिए समिति गठित करेगी। यादव ने पत्रकारों की सुरक्षा का मामला प्रमुखता से उठाया। उन्‍होंने पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न की घटनाएं भी गिनाई।

एक अन्‍य प्रश्‍न के उत्तर में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए राज्‍य वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 7,560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

राजभर ने प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज कुमार पारस के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत प्रदेश की ग्राम पंचायतों को वर्ष 2024-25 में 6,720 करोड रुपये अवमुक्त किया गया एवं वर्ष 2025-26 में 7,560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

राजभर ने बताया कि इसके अलावा प्रतिवर्ष 15वें केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत टाइड एवं अनटाइड अनुदान की धनराशि प्रदेश की ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की जाती है।

पारस ने यह प्रश्न किया था कि बढ़ती महंगाई के दृष्टिगत क्‍या सरकार क्‍या ग्राम पंचायतों को दी जाने वाली धनराशि बढ़ाने पर विचार करेगी।

उल्लेखनीय है कि टाइड अनुदान विशेष उद्देश्य खासकर पेयजल और स्‍वच्‍छता के मद में दिये जाते हैं, जबकि अनटाइड अनुदान का प्रयोग आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाता है।

विधानसभा में सपा सदस्य समरपाल सिंह के एक प्रश्न के उत्तर में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने मंगलवार को बताया कि पूर्व में शिक्षामित्र को 3,500 रुपये मानदेय का भुगतान किया जा रहा था, लेकिन 2017 में सरकार ने इस बढ़ाते हुए 10,000 रुपये कर दिया है।

भाषा

आनन्द, रवि कांत

रवि कांत