Loudspeaker Banned In Mosque/ Image Credit: Meta AI
संभल: Loudspeaker Banned In Mosque: उत्तर प्रदेश के संभल से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। यहां रमजान के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। प्रशासन ने कानून व्यवस्था के नाम पर यह कार्रवाई की है। मुस्लिम संगठनों ने अजान के लिए 1 मिनट लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति मांगी थी जिसको मना कर दिया गया।
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर संभल में दर्ज हुए FIR पर एसपी संभल कृष्ण कुमार ने कहा, “कई संगठनों की ओर से मांग उठाई गई थी कि उन्हें पहले की तरह कुछ समय के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए। हालांकि, यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकार और न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार इसकी इजाजत नहीं है। इनका जमीनी स्तर पर पालन करवाने का काम पुलिस प्रशासन का है।”
Loudspeaker Banned In Mosque: मिली जानकरी के अनुसार, संभल जिले में जामा मस्जिद की छत से मौलवी द्वारा अजान देने का एक वीडियो सामने आया था। जिसके बाद कुछ मौलवी और समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खान एसपी से मिले और रमजान के दौरान लाउडस्पीकर की अनुमति मांगी।
हालांकि, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इसे स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया और कहा कि प्रशासन नियमों का पालन करवाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एसपी ने कहा कि, संभल से कुछ मौलवी और कुछ जनप्रतिनिधि हमसे मिलने जरूर आए थे और उन्होंने कुछ बातों को लेकर चर्चा की थी लेकिन लाउडस्पीकर के संबंध में हमारा पहले से ही स्पष्ट निर्देश है कि न्यायालय के आदेश का पालन होगा और नियमों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।
संभल में रमजान के दौरान मस्जिदों में लाउडस्पीकर की इजाजत नहीं!
▶️रमजान के दौरान संभल की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए है. प्रशासन ने कानून व्यवस्था के नाम पर यह कार्रवाई की है. मुस्लिम संगठनों ने अजान के लिए 1 मिनट लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति मांगी थी जिसको मना कर दिया गया।… pic.twitter.com/qxe2Z7Iq4X
— IBC24 News (@IBC24News) March 5, 2025
Loudspeaker Banned In Mosque: इसके बाद संभल के मुफ्ती आलम राजा नूरी ने भी लोगों से प्रशासन के आदेशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि रमजान में सेहरी और इफ्तार की जानकारी देने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। आधुनिक दौर में मोबाइल अलार्म, मैसेज और अन्य डिजिटल साधनों से लोगों को जागरूक किया जा सकता है, जिससे नियमों का भी पालन हो और रमजान की पवित्रता भी बनी रहे।