Swami Prasad Maurya Statement: “अगर देवी लक्ष्मी की पूजा करने से कोई अमीर बन जाता, तो भारत गरीब नहीं होता”.. स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर छेड़ा विवाद
दिवाली पाँच दिनों का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस पर लोग आभूषण या बर्तन खरीदते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है।
Swami Prasad Maurya Statement || Image- ANI News File
- देवी लक्ष्मी पूजा पर स्वामी प्रसाद का बयान
- “घर की लक्ष्मी” की पूजा की अपील
- गरीबी-बेरोजगारी पर उठाए सवाल
Swami Prasad Maurya Statement: लखनऊ: राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को देवी लक्ष्मी की पूजा और इससे गरीबी दूर होने को लेकर विवादित बयान दिया है। देश में व्याप्त गरीबी और बेरोजगारी का हवाला देते हुए मौर्य ने कहा कि अगर केवल प्रार्थना से ही धन प्राप्त होता, तो भारत में 80 करोड़ लोग सब्सिडी वाले खाद्यान्न पर निर्भर नहीं होते।
“घर की लक्ष्मी” की करें पूजा : स्वामी प्रसाद
घर चलाने वाली महिलाओं के सम्मान पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने लोगों से सच्ची समृद्धि और सद्भाव के लिए “घर की लक्ष्मी” यानी घर की महिला की पूजा करने का आग्रह किया। मौर्य ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की पूजा के विरोधी नहीं हैं, और कहा कि उनकी टिप्पणी एक तार्किक अपील थी, न कि धार्मिक उकसावे की भावना से।
भारत दुनिया के गरीब देशों में से एक : स्वामी प्रसाद
मौर्य ने एएनआई से कहा, “देवी लक्ष्मी की पूजा करना एक परंपरा हो सकती है, लेकिन यह व्यावहारिकता से कोसों दूर है। अगर देवी लक्ष्मी की पूजा करने से कोई अमीर बन जाता, तो भारत दुनिया के गरीब देशों में से एक नहीं होता। देश में 80 करोड़ लोग अभी भी गरीबी का जीवन जी रहे हैं। लोग इसे स्वीकार करें या न करें, लेकिन क्या 5-10 किलोग्राम चावल पर गुजारा करने वाले ये 80 करोड़ लोग अपने बच्चों को विश्वविद्यालयों में भेज सकते हैं? क्या ऐसे लोग अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वकील, आईएएस, आईपीएस या वैज्ञानिक बना सकते हैं? कभी नहीं।”
Swami Prasad Maurya Statement: उन्होंने कहा, “आज करोड़ों युवा बेरोजगार हैं। अगर देवी लक्ष्मी की पूजा करने से गरीबी खत्म हो जाती, तो 80 करोड़ लोग सिर्फ 5-10 किलोग्राम चावल पर जिंदा नहीं रहते और करोड़ों युवा बेरोजगार नहीं होते। मैंने किसी भी तरह की पूजा का विरोध नहीं किया, मैंने सिर्फ इतना कहा कि ‘घर की लक्ष्मी’ की पूजा की जानी चाहिए क्योंकि वह घर को चौबीसों घंटे साफ-सुथरा रखती हैं और उसे स्वर्गीय बनाती हैं… अगर आपको प्रार्थना करनी है, तो ‘घर की लक्ष्मी’ की प्रार्थना करें ताकि घर में खुशी और समृद्धि आए। यह एक अपील है। अगर लोग इसे अन्यथा लेते हैं, तो यह उनकी मानसिकता पर निर्भर करता है।”
दीपोत्सव महापर्व पर समस्त देशवासियों को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ । आइये हम सब दीप जलाये,किन्तु ध्यान रहे पड़ोसी के यहाँ भी दीप जले यह भी सुनिश्चित करे ।
आइये हम पूजन व सम्मान करे असली गृह लक्ष्मी ( गृहणी) की जो सही मायने में ताउम्र घर को साफ – सुथरा सुंदर-सुघर व स्वर्ग बनाती हैं…— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) October 20, 2025
स्वामी प्रसाद पर VHP का हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य के लक्ष्मी पूजन वाले बयान पर विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “उनकी पत्नी का नाम ‘शिवा’ है। अच्छा होता ऐसा कहने से पहले उन्हें उनकी पूजा करके हमें दिखाना चाहिए था। उनकी माँ का नाम ‘जगन्नाथी’ है। जब उन्होंने उनका नाम ‘स्वामी प्रसाद’ रखा, तो उन्होंने क्या सोचा होगा? एक व्यक्ति अच्छा इंसान हो सकता है, लेकिन जब वो किसी पार्टी से जुड़ा होता है, तो मुझे लगता है कि वो सब कुछ भूल जाता है। एक नेता दिवाली के दौरान क्रिसमस की वकालत करता है, एक और नेता दीयों पर भी बयान देता है और कहता है कि जो दीये जलाते हैं, वो देश जलाते हैं। उनकी मानसिकता, उनके अंदर के ज़हर की कल्पना कीजिए…वे सनातनियों के भीतर भी ‘सर तन से जुदा’ गैंग चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होगा। हिंदू ऐसा नहीं करेंगे। इंडी का गठबंधन है, एक यूपी से बोलेगा और दूसरा कर्नाटक से।”
#WATCH | On Apni Janata Party president Swami Prasad Maurya’s statement on Lakshmi pujan, VHP national spokesperson Vinod Bansal says, “The name of his wife is ‘Shiva’. Before saying this, he should have worshipped her and shown us. It would have been good…His mother’s name is… pic.twitter.com/nI6RL1xlR8
— ANI (@ANI) October 21, 2025
देशभर में दीवाली की धूम
दिवाली पाँच दिनों का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस पर लोग आभूषण या बर्तन खरीदते हैं और भगवान की पूजा करते हैं। दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। दिवाली का तीसरा दिन उत्सव का मुख्य दिन होता है। इस दिन लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनसे धन-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा को समर्पित होता है। पाँचवाँ दिन भाई दूज कहलाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी और खुशहाल ज़िंदगी की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

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