Owl Demand on diwali: आज उल्लू के लिए 20 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार हैं लोग, जानिए क्यों बढ़ जाती है उल्लू की डिमांड, वन विभाग अलर्ट पर

Ullu Ki Bali Kyu Di Jati Hai: आज उल्लू के लिए 20 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार हैं लोग, जानिए क्यों ऐसा करते हैं लोग, वन विभाग अलर्ट पर

Owl Demand on diwali: आज उल्लू के लिए 20 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार हैं लोग, जानिए क्यों बढ़ जाती है उल्लू की डिमांड, वन विभाग अलर्ट पर

Ullu Ki Bali Kyu Di Jati Hai: आज उल्लू के लिए 20 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार हैं लोग / Image: AI Generated

Modified Date: October 20, 2025 / 11:37 am IST
Published Date: October 20, 2025 11:37 am IST
HIGHLIGHTS
  • तंत्र-मंत्र और बलि हेतु उल्लू की मांग अचानक बढ़ जाती है
  • उल्लू के लिए 20 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार
  • वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है और स्थानीय बाजारों तथा कस्बों में औचक छापेमारी के साथ कड़ी निगरानी

लखनऊ: Ullu Ki Bali Kyu Di Jati Hai दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन जहां पूरा देश दीपक जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा कर एक दूसरे को बधाई देते हैं। लेकिन दूसरी ओर अमावस्या पर उल्लू की डिमांड बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि उल्लू के लिए आज लोग 20 लाख रुपए तक देने को तैयार रहते हैं। अमूमन उल्लू की मांग तंत्र-मंत्र विद्या के लिए भी किया जाता है। साथ ही दीवाली पर धन प्राप्ति की कामना के लिए उल्लू की बलि दी जाती है। ऐसे में वन विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है ​पक्षी बेचने वालों पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।

Ullu Ki Bali Kyu Di Jati Hai वन विभाग ने इस संबंध में एक दिशा-निर्देश वन रैंजरों को जारी किया है, जिसमें दीवाली पर्व के मौके पर उल्लू का अवैध शिकार और व्यापार पर रोक लगाते हुए इनकी बिक्री पर नजर रखने के लिए निर्देश दिए है। यहीं नहीं दीवाली पर तांत्रिक कियाओं के लिए उल्लू का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि प्रतिबंधित प्रजाति के उल्लू पक्षी के अवैध शिकार और व्यापार की संभावना रहती हैं। इस संबंध में समय-समय पर उल्लू पक्षी के अवैध शिकार और व्यापार पर नियंत्रण करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते है। बावजूद उल्लू की बिक्री पर रोकथाम लगता नजर नहीं आ रहा है।

प्रतिबंधित उल्लू का व्यापार करने वाले एक व्यापारी ने बताया कि दीवाली में उल्लू की मांग बढ़ने से कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। अमूमन उल्लू की मांग तंत्र-मंत्र विद्या के लिए भी किया जाता है। साथ ही दीवाली पर धन प्राप्ति की कामना के लिए उल्लू की बलि दी जाती है। कीमत सामान्य दिनों में तीन से पांच हजार रुपये रहता है। दीवाली के समय उल्लू की कीमत बाजारों में 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक देने के लिए तैयार रहते है।

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दीवाली के दौरान प्रतिबंधित प्रजाति के पक्षियों में उल्लू, तोता, मुनिया, तीतर और बटेर की मांग बढ़ जाती हैं। मांग बढ़ने से अवैध शिकार और व्यापार होने लगते है, जिसे रोकने के लिए विशेष सजगता बरतते हुए स्थानीय कस्बो और बाजारों में औचक छापेमारी के साथ निगरानी की कार्यवाही की जा रही है। प्रतिबंधित प्रजाति के पक्षियों के अवैध शिकार और व्यापार को रोकने के लिए छापे की कार्यवाही की जा रही है, जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्थानीय ईको क्लब, वन्य जीव क्षेत्र में एनजीओ का सहयोग लेकर उल्लू की अवैध बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई की जा रही है।

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