image source: The Defence Horizon Journal
लखनऊ: Lucknow Terrorists News, अहमदाबाद से गिरफ्तार तीन आतंकियों ने सनसनीखेज खुलासा किया है। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की कार्रवाई में ये आतंकी पकड़े गए थे। खुरासान मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मोहिउद्दीन, लखीमपुर खीरी के सोहेल और शामली के आजाद सैफी ने खुद यह बात कबूला है कि वे नई दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद के प्रमुख मंदिरों में आने वाले भक्तों को ‘प्रसाद’ के जरिए निशाना बनाने की फिराक में थे।
दरअसल, प्रसाद में ‘रिसिन’ एक जानलेवा केमिकल मिलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेने की प्लानिंग की गई थी। सूत्रों की माने तो ये तीनों आरोपी अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर अबू खदीजा के सीधे संपर्क में थे। उनके मोबाइल फोन सेमंदिरों की रेकी, फोटो और वीडियो के साथ रिसिन बनाने की विस्तृत जानकारी मिली है।गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों से खतरनाक केमिकल रिसिन का स्टॉक भी जब्त किया गया, जो जैविक हथियार की श्रेणी में आता है।
ATS की पूछताछ में सोहेल और आजाद ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर, अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर और दिल्ली के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों की रेकी की थी। उनका प्लान यह था कि मंदिरों में बांटे जाने वाले प्रसाद में रिसिन मिलाकर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को खिलाया जाए। रिसिन एक ऐसा खतरनाक रसायन है जो कि एक छोटी सी मात्रा में भी इंसान की जान ले सकता है।
Lucknow Terrorists News, आरोपियों ने यह भी स्वीकार किया है कि हैंडलर ने उन्हें निर्देश दिया था कि “धार्मिक स्थलों पर हमला कर दहशत फैलाओ, ताकि समाज में विभाजन हो।” रिसिन को प्रसाद में मिलाने की ट्रेनिंग उन्हें ऑनलाइन दी गई थी। एटीएस को शक है कि यह प्लान त्योहारों या बड़े मेलों के दौरान अंजाम दिया जा सकता था।
बता दें कि सोहेल और आजाद दोनों मुजफ्फरनगर के एक मदरसे से हाफिज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। इसके बाद वे सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री से प्रभावित हुए और खुरासान मॉड्यूल से जुड़ गए। डॉक्टर मोहिउद्दीन, जो पेशे से चिकित्सक हैं, केमिकल की जानकारी होने के कारण मॉड्यूल में अहम भूमिका निभा रहे थे। वे रिसिन तैयार करने के लिए जिम्मेदार थे।
यूपी एटीएस की एक टीम अभी भी गुजरात में डेरा डाले हुए है। सोहेल और आजाद के यूपी नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। लखीमपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में उनके संपर्कों पर छापेमारी चल रही है। एटीएस को शक है कि मॉड्यूल में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्हें हथियार और फंडिंग की सप्लाई दी जा रही थी।