मौलाना तौकीर के साथी अफजल बेग ने अदालत में किया आत्मसमर्पण
मौलाना तौकीर के साथी अफजल बेग ने अदालत में किया आत्मसमर्पण
बरेली (उप्र), 16 अक्टूबर (भाषा) इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के निजी सहायक एवं 26 सितंबर की हिंसा के मामले में वांछित आरोपी अफजल बेग ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 15,000 रुपये का इनामी अफजल बेग, बुधवार को अपने वकील और कुछ साथियों के साथ अदालत में पेश हुआ और आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, सिविल लाइंस क्षेत्र के विहारीपुर निवासी बेग पहले आईएमसी की पुरानी कमेटी में पदाधिकारी था और मौलाना तौकीर रजा तथा पार्टी के प्रवक्ता डॉ. नफीस के साथ लंबे समय तक रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि बेग 26 सितंबर को शहर में हुई हिंसा से जुड़े मामले में वांछित था।
उन्होंने बताया कि जब उसका कोई सुराग नहीं मिला, तो उसकी गिरफ्तारी पर 15,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया और किला थाना प्रभारी सुभाष सिंह को उसे पकड़ने का निर्देश दिया गया।
किला थाना प्रभारी सुभाष सिंह ने बताया कि पुलिस को पहले से जानकारी थी कि बेग आत्मसमर्पण कर सकता है, इसलिए अदालत परिसर के बाहर एक टीम तैनात की गई थी। बावजूद इसके, वह अपने वकील की मदद से चुपचाप अदालत के अंदर जाकर आत्मसमर्पण करने में सफल रहा।
सिंह ने यह भी बताया कि बेग बारादरी थाना क्षेत्र में दर्ज दंगे के एक अन्य मामले में भी वांछित है और वहां की पुलिस पूछताछ के लिए उसकी रिमांड मांग सकती है।
एसएसपी आर्य ने बताया कि पुलिस जल्द ही अन्य फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कराने के लिए अदालत जाएगी।
उन्होंने बताया कि अगर आरोपी स्वयं प्रस्तुत नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ इनाम की राशि बढ़ाई जा सकती है और अदालत की मंजूरी से उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ से जुड़े पोस्टरों को लेकर विवाद के बाद हिंसा भड़क उठी थी। शुक्रवार की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान, जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हालात को काबू में लाया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आईएमसी के कुछ नेताओं ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में कथित रूप से दंगे भड़काने की साजिश रची थी।
भाषा सं जफर खारी
खारी

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