Namaz Par Vivad: अब क्या नमाज पढ़ने के लिए पुलिस से लेनी होगी इजाज़त, यहां 25 लाेगाें की गिरफ्तारी पर ओवैसी ने कही ये बात

Namaz Par Vivad: उन्होंने सवाल किया कि क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत या पुलिस से इजाज़त लेनी होगी? Latest news

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  • Publish Date - August 29, 2022 / 07:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश),  Namaz Par Vivad: मुरादाबाद जिले के छजलैट क्षेत्र के दुल्लेपुर गांव में कथित तौर पर ‘खुले में’ नमाज पढ़ने के आरोप में 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, मामले के एक आरोपी ने दावा किया है कि जिस जमीन पर नमाज अदा की जा रही थी, वह उसकी अपनी है और कुछ उपद्रवी तत्‍वों ने शरारतन यह मुकदमा दर्ज कराया है। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्‍यक्ष व सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस घटना की निन्‍दा की है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत या पुलिस से इजाज़त लेनी होगी?

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अपर पुलिस अधीक्षक-ग्रामीण (एएसपी- ग्रामीण) संदीप कुमार मीणा ने सोमवार को बताया कि दुल्‍लेपुर गांव में गत 24 अगस्‍त को कुछ लोग एक मकान में नमाज अदा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मकान में जगह नहीं होने पर कुछ लोग बाहर खुले में आकर नमाज पढ़ने लगे, जबकि पूर्व में उन्‍हें ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी गयी थी।

Namaz Par Vivad: मीणा ने बताया कि इस मामले में अन्‍य कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक किसी भी शख्‍स को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस बीच, मामले के एक आरोपी वाहिद सैफी ने दावा किया कि वह उस जमीन का कानूनन मालिक है, जिस पर नमाज अदा की गयी थी। उसने दावा किया कि उक्त स्थान पर आजादी के बाद से अक्‍सर नमाज पढ़ी जाती थी, लेकिन हाल ही में खुद को बजरंग दल के कार्यकर्ता बताने वाले कुछ ‘उपद्रवी तत्‍वों’ ने इसे नयी परम्‍परा बताते हुए इसका विरोध किया था और गत तीन जून को छजलैट थाने में शिकायत की थी।

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Namaz Par Vivad: सैफी ने कहा कि गत 24 अगस्‍त को खुले में नमाज पढ़ने के आरोप में गुपचुप तरीके से एक मुकदमा दर्ज करा दिया गया, जिसके बारे में उन्‍हें मीडिया की खबरों से पता लगा। इस बीच, ओवैसी ने इस घटना की निंदा करते हुए सिलसिलेवार ट्वीट किये। उन्‍होंने ट्वीट में कहा ”भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते? क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत/पुलिस से इजाज़त लेनी होगी? प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए, कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा?”

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उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में कहा, ”समाज में कट्टरपंथी सोच इस हद तक फैल गयी है कि अब घरों में नमाज़ पढ़ने से भी लोगों के “जज़्बात” को ठेस पहुंच जाती है।” इधर, मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद, एसटी हसन ने कहा कि उन्होंने दुल्‍लेपुर गांव का दौरा किया और पाया कि सभी कानूनी रूप से अपने अधिकारों का लाभ उठा रहे थे और गांव में सांप्रदायिक सद्भाव कायम है। उन्होंने दावा किया कि कुछ बदमाशों ने थाने में शिकायत की थी जो निराधार पायी गयी थी। उन्होंने कहा कि उनकी मौजूदगी में सभी ग्रामीणों की बैठक हुई और सांसद निधि से एक मंदिर और एक मस्जिद का निर्माण करने का फैसला किया गया।

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