लखनऊ, सात जून (भाषा) गैंगस्टर नेता मुख्तार अंसारी के कथित सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले में दो अन्य लोग घायल हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि कथित हमलावर को घटनास्थल पर पकड़ लिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर ने अधिवक्ता की पोषाक पहन रखी थी और उसने छह गोलियां चलाईं।
जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा के मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था। उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे।
पुलिस अधिकारियों ने कहा, ‘‘लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां अज्ञात हमलावर द्वारा गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।’’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है। उन्होंने बताया कि लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक है, जबकि पुलिस कांस्टेबल के दाएं पैर में गोली लगी है और उसकी हालत स्थिर है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार कथित हमलावर की पहचान विजय यादव (24) के रूप में की गई है जो जौनपुर जिले के केराकत पुलिस थाना अंतर्गत सर्की सुल्तानपुर गांव का निवासी है।
उस क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि विजय लखनऊ में प्लंबर का काम करता था। वह एक शादी में शामिल होने 10 मई को अपने गांव आया था और अगले दिन लखनऊ वापस लौट गया।
क्षेत्राधिकारी ने बताया कि यादव के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि एक मामला शादी के लिए एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आजमगढ़ के देवगांव पुलिस थाना में दर्ज है। उसके खिलाफ 2016 में दर्ज इस प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए थे।
उन्होंने बताया कि विजय के खिलाफ दूसरा मामला सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से जुड़ा है, जो 2020 में केराकत पुलिस थाने में दर्ज किया गया था राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष कार्य बल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है और एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया है। इस एसआईटी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (तकनीकी) मोहित अग्रवाल, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी नीलाब्जा चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) (अयोध्या) प्रवीण कुमार होंगे।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि एसआईटी अदालत में सुरक्षा इंतजाम में खामियों सहित विभिन्न पहलुओं को देखेगी।
उन्होंने इस घटना के मद्देनजर अदालत परिसरों में उचित सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रदेश में सभी जिला पुलिस प्रमुखों को भी पत्र लिखा है।
ब्रह्म दत्त द्विवेदी और उनके गनर की 10 फरवरी, 1997 को उस समय हत्या कर दी गई जब वह फर्रुखाबाद जिले में एक तिलक समारोह से लौट रहे थे।
निचली अदालत ने 17 जुलाई, 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इस बीच, बुधवार को अदालत परिसर के भीतर इस हिंसा से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस पर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया एवं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की।
अपर पुलिस महानिदेशक (लखनऊ जोन) पीयूष मोर्डिया ने कहा, ‘‘जब हमलावर ने गोली चलाई, उस समय जीवा विशेष एडीजे की अदालत के बाहर गलियारे में अपनी पेशी की बारी आने की प्रतीक्षा कर रहा था।’’
इस घटना के महज दो महीने पहले गैंगस्टर नेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की इसी तरह की एक घटना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों भाइयों की पुलिस सुरक्षा में तीन हमलावरों द्वारा 15 अप्रैल को उस समय हत्या कर दी गई थी जब दोनों को चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था।
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे दी है। अपराधी जिसे चाहते हैं, जब चाहते हैं, मार देते हैं। पुलिस हिरासत, पुलिस थाने और अदालत में हत्याएं हो रही हैं। सड़कों पर हत्याएं हो रही हैं। लोग प्रदेश में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।’’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, “लखनऊ के अदालत परिसर में गोली मारने की यह घटना कानून व्यवस्था के संदर्भ में इस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस तरह की घटनाओं की वजह से लोगों में चिंता है। बसपा की मांग है कि सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।”
भाषा- राजेंद्र सिम्मी
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