बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मुचलके पर रिहा करने का आदेश, मगर रिहाई मुश्किल

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मुचलके पर रिहा करने का आदेश, मगर रिहाई मुश्किल

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मुचलके पर रिहा करने का आदेश, मगर रिहाई मुश्किल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: February 16, 2022 7:04 pm IST

मऊ (उत्तर प्रदेश), 16 फरवरी (भाषा) मऊ जिले की विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने बृधवार को गैंगस्टर एक्ट से जुड़े़ एक मामले में मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिये।

मुख्तार के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने बताया कि गैंगेस्टर एक्ट के मामले में बांदा जेल में निरूद्ध विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बुधवार को हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्तार अंसारी ने विशेष न्यायाधीश से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए का लाभ देते हुए रिहा करने का अनुरोध किया।

एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश दिनेश कुमार चौरसिया ने मुख्तार अंसारी के प्रार्थनापत्र पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद उन्हें रिहा करने की अर्जी को स्वीकार कर लिया। अदालत ने मुख्तार अंसारी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही रिहाई का परवाना बांदा जेल भेजे जाने का आदेश दिया।

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मुख्तार की तरफ से अदालत में दिये गये प्रार्थनापत्र में कहा गया था कि दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के गैंगस्टर एक्ट के मामले में वह नौ सितंबर 2011 से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में हैं। इस मामले में अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है लेकिन वह उससे ज्यादा समय से जेल में बंद हैं, लिहाजा अब उन्हें इस मामले में जेल में रखना वैधानिक नहीं है।

वहीं, मऊ के पुलिस अधीक्षक सुशील धुले का कहना है कि मुख्तार अंसारी पर अब भी लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं। उनका कहना है कि इन सभी मामलों में सुनवाई चल रही है लिहाजा किसी भी हालत में विधायक के जेल से छूटने की गुंजाइश नहीं है।

भाषा सं सलीम अमित

अमित


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