कभी साइकिल ठीक करने का काम करते थे राकेश राठौर, अब बन गए योगी सरकार में मंत्री, जानिए कैसा था उनका सियासी सफर

कभी साइकिल ठीक करने का काम करते थे राकेश राठौरः Rakesh Rathor used to work to fix cycles, became minister in Yogi government

कभी साइकिल ठीक करने का काम करते थे राकेश राठौर, अब बन गए योगी सरकार में मंत्री, जानिए कैसा था उनका सियासी सफर
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: March 25, 2022 10:23 pm IST

लखनऊः Rakesh Rathor  योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक बार फिर यूपी की बागडोर संभाल ली। योगी सरकार में दो डिप्टी सीएम और 52 मंत्री बनाए गए हैं। नए मंत्रीमंडल में सीतापुर से विधायक बने राकेश राठौर गुरू को भी जगह दी गई है। हम यहां उनका जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वो कभी साइकिल के पंक्चर ठीक करने का काम करते थे। उनका नाम राकेश राठौर था लेकिन, स्कूटर मिस्त्री के काम ने उन्हें ‘गुरु’ के रूप में पहचान दिला दी। संघर्ष और हरदिलअजीज छवि ने उन्हें सियासत में भी चमका दिया।

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Rakesh Rathor  बता दें कि चुनाव से ठीक पहले सीतापुर सदर सीट से बीजेपी के विधायक जिनका नाम भी राकेश राठौर था, उन्होंने पार्टी से बगावत कर अखिलेश यादव का हाथ थाम लिया था। इसके बाद बीजेपी ने राकेश राठौर को यहां से उम्मीदवार बनाया। दोनों का नाम एक ही होने पर काफी विवाद भी हुआ था और बीजेपी पर आरोप लगा था कि जानबूझकर ऐसा किया गया है। आखिर में बीजेपी उम्मीदवार राकेश राठौर ने इस सीट से जीत दर्ज की और अब उन्हें इनाम के तौर पर मंत्री बना दिया गया है। राकेश राठौर कभी एक साइकिल की दुकान पर काम करते थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया और अब मंत्री बन चुके हैं।

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राकेश राठौर गुरु का परिवार मूल रूप से मिश्रिख का है। सीतापुर में वह दुर्गापुरवा मुहल्ले में रहते हैं। वह कक्षा आठ पास हैं। एक जमाना था जब गुरु आरएमपी रोड पर स्कूटर मिस्त्री का काम करते थे। उन्होंने बट्सगंज में भी दुकान चलाई। स्कूटर का प्रचलन थोड़ा थमा तो उन्होंने स्पेयर पार्ट्स का भी काम किया। अभी उनकी इनवर्टर की दुकान है। उनकी सादगी का हर कोई कायल है। अभी मतदान के बाद भी वह अपने स्कूटर बनाने वाले साथियों के बीच गए और समय गुजारा था। 10 मार्च गुरुवार को मतगणना के दिन राकेश राठौर गुरु ने इस सीट से चार बार विधायक रहे राधेश्याम जायसवाल को हराया।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।