लखनऊ (उप्र), 25 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के लिये सिख गुरुओं और उनकी पीढ़ियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी।
आदित्यनाथ ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर लखनऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”रामजन्मभूमि (अयोध्या में) में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आज भारत के सनातन का भगवा ध्वज राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया। यह एक भव्य कार्यक्रम था। अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया गया है। इसके लिए सिख गुरुओं और उनकी पीढ़ियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 1510 से 1515 के बीच पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करने गए थे। बाद में वर्ष 1528 में विदेशी आक्रांता बाबर के सैनिक ने उस मंदिर को तोड़ दिया था। उस समय बाबर के अत्याचारों को देखते हुए गुरु नानक देव ने बाबर को ‘जाबर’ कहा था और उसके जुल्मों का कड़ा विरोध किया था।’’
उन्होंने आगे कहा कि जब भी अयोध्या में राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष हुआ तो सिख गुरुओं, सिख योद्धाओं, निहंगों, संतों, राजाओं, आम नागरिकों, माताओं और बहनों ने अपना बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया।
आदित्यनाथ ने कहा, ”अयोध्या के बारे में हम सभी को एक बात याद रखनी चाहिए। साम्राज्य आए और गए। पीढ़ियां आईं और गईं। लेकिन, केवल एक चीज जो हमेशा रही वह थी आस्था। और वही आस्था एक बार फिर 500 साल बाद अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण को पूरा करने के इस महान यज्ञ की गवाह बनी है। वही आस्था आज यहां भी दिखाई दे रही है।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में धर्मध्वजा फहरायी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
भाषा सलीम संतोष
संतोष