समाजवादियों ने बिहार से की अगस्‍त क्रांति की शुरुआत, भाजपा को सिखाया सबक : अखिलेश यादव

समाजवादियों ने बिहार से की अगस्‍त क्रांति की शुरुआत, भाजपा को सिखाया सबक : अखिलेश यादव

समाजवादियों ने बिहार से की अगस्‍त क्रांति की शुरुआत, भाजपा को सिखाया सबक : अखिलेश यादव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: August 10, 2022 7:47 pm IST

लखनऊ, 10 अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि समाजवादियों ने नौ अगस्‍त को ‘अगस्‍त क्रांति’ की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सबक सिखाया है, और उत्‍तर प्रदेश में भी जनता भाजपा को ‘दूध के मक्‍खी’ की तरह निकाल फेंकेगी।

यादव ने यहां जारी एक बयान में कहा, ”समाजवादियों ने बिहार में भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है। नौ अगस्त को ‘अगस्त क्रांति‘ की शुरुआत हो चुकी है।”

सपा अध्‍यक्ष का इशारा बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम का था, जहां जनता दल यूनाइटेड ने भाजपा का साथ छोड़कर मुख्‍य‍ विपक्षी पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनायी है।

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यादव ने भाजपा सरकार के ‘हर घर तिरंगा अभियान’ का जिक्र करते हुए कहा ”वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा तिरंगा भुला देगी और हिन्दू-मुस्लिम पर आ जाएगी। भाजपा ने अंग्रेजों से तोड़ो और राज करो की नीति सीखी है। भाजपा की इन साजिशों से जनता भलीभांति परिचित हो चुकी है। बिहार की तरह उत्तर प्रदेश की जनता भी भाजपा को दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंकेगी।”

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा आजादी के आंदोलन में अपनी कोई भूमिका न होने की शर्म छुपाने के लिए तिरंगा अभियान का सहारा ले रही है। उसकी मंशा मुद्दों से भटकाने की है। भाजपा के मातृ संगठन राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ ने कभी न तो स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और न ही नागपुर स्थित अपने मुख्यालय पर भारत का राष्ट्रध्वज फहराया। तिरंगे को वह बस इन दिनों राजनीतिक एजेण्‍डा बना रही है। भाजपा तिरंगे को सम्मान देना भी नहीं जानती।’’

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने आरोप लगाया कि आजादी के लिए संघर्ष करने और बलिदान देने वालों ने स्वतंत्र भारत के संबंध में जो सपने देखे थे उनको भाजपा सरकार ने धूल धूसरित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा सत्ता में आने पर गांव-गरीब की उपेक्षा कर अपने पूंजीपति मित्रों का खजाना भरने पर ही ध्यान केन्द्रित किये हुए है।

भाषा सलीम रंजन

रंजन


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