Tadarth Shikshak Latest News Today: दिवाली पर शिक्षा विभाग ने दिया तगड़ा झटका, 2000 से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकालने का आदेश जारी

दिवाली पर शिक्षा विभाग ने दिया तगड़ा झटका, 2000 से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकालने का आदेश जारी! tadarth shikshak latest news today

Tadarth Shikshak Latest News Today: दिवाली पर शिक्षा विभाग ने दिया तगड़ा झटका, 2000 से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकालने का आदेश जारी

CG Assistant Professor Bharti 2024

Modified Date: November 12, 2023 / 10:08 am IST
Published Date: November 12, 2023 10:08 am IST

लखनऊ: tadarth shikshak latest news today दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तदर्थ शिक्षकों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल शिक्षा विभाग ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ 2090 तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने 10 नवंबर को ही आदेश जारी कर दिया था।

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tadarth shikshak latest news today मिली जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के 26 अगस्त 2020 के आदेश पर तदर्थ शिक्षकों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी 2021 शिक्षक भर्ती परीक्षा में अवसर दिया जा चुका है। जिसमें केवल 40 तदर्थ शिक्षक सफल हुए थे। लिहाजा शेष शिक्षकों के वेतन भुगतान की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में ऐसे तदर्थ शिक्षकों के भुगतान का दायित्व प्रबंधतंत्र का है। इनकी नियुक्ति नियमों के विपरीत की गई थी।

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गौरतलब है कि सात अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक 979 और वर्ष 2000 के बाद 1,111 कुल 2090 शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति हुई थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से तदर्थ शिक्षकों को निश्चित मानदेय पर रखने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। मानदेय पर रखने के लिए जो तीन फॉर्मूला सुझाया गया था, उसमें सरकार पर एक अरब 20 करोड़ से लेकर दो अरब 41 करोड़ रुपये तक सालाना व्ययभार पड़ने का अनुमान था लेकिन सरकार ने मानदेय पर रखने के प्रस्ताव को भी खारिज करते हुए इनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति सम्बन्धी आदेश को तुगलकी करार देते हुए इसकी कड़ी निन्दा की है। कहा कि इन शिक्षकों की नियुक्ति उस समय संस्थाओं के प्रबंधतंत्र ने तदर्थ रूप में की थी जब शिक्षकों की भारी कमी थी, विद्यालयों में पठन पाठन ठप था और चयन बोर्ड द्वारा शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही थी।

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25 से 30 वर्षों तक विद्यालयों में सेवाएं देने वाले इन शिक्षकों पर बच्चों की पढ़ाई, शादी, गंभीर बीमारियों के इलाज आदि की जिम्मेदारी है। सरकार ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करे कि यह सभी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

 

 

 

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