लखनऊ, 15 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने करीब 13 वर्षों से फरार प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के 50 हजार रुपये के इनामी एक वरिष्ठ सदस्य को सोमवार को वाराणसी से गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार माओवादी की पहचान बलिया जिले के मनियर थानाक्षेत्र के मुड़ियारी गांव निवासी सीताराम उर्फ विनय जी उर्फ ओम प्रकाश उर्फ धनु के रूप में हुई है।
एटीएस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम था।
बयान के अनुसार, सीताराम को वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन से खुफिया जानकारी के आधार पर पकड़ा गया। सूचनाओं से पता चला कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान और रूप बदलकर अलग-अलग राज्यों में रह रहा था।
एटीएस के मुताबिक सीताराम ने 1986 में अपना घर छोड़ दिया और माओवादी आंदोलन में शामिल हो गया । वह 1990 में दूसरी केंद्रीय समिति का क्षेत्रीय सचिव बना। वह 21 सितंबर, 2004 की उस बैठक में भी मौजूद था जिसके परिणामस्वरूप ‘माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी)’ और ‘पीपुल्स वॉर ग्रुप (पीडब्ल्यूजी)’ का विलय हुआ और भाकपा (माओवादी) का गठन हुआ।
बयान के मुताबिक सीताराम को जन आंदोलनों के माध्यम से भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों का विस्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शहरी क्षेत्रों में सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) ने कथित तौर पर सीताराम द्वारा आयोजित बैठकों में भाग लिया।
सीताराम ने 2012 में अपने साथियों के साथ मिलकर बलिया जिले में सहतवार थानाक्षेत्र के अतरडरिया गांव में ग्राम प्रधान की पत्नी फूलमती की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि माओवादियों को संदेह था कि ग्राम प्रधान पुलिस मुखबिर है और उसे भी निशाना बनाया गया था, लेकिन वह भागने में सफल रहा।
अधिकारियों ने बताया कि सीताराम ने इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। घटना के बाद, सहतवार थाने में भादंसं की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
आजमगढ़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
एटीएस ने बताया कि 15 अगस्त, 2023 को सीताराम अपनी टीम के प्रमुख सदस्यों के साथ बैठक कर रहा था तभी उसके साथियों को माओवादी साहित्य और हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन सीताराम उस समय भागने में कामयाब हो गया था।
इसके बाद लखनऊ स्थित एटीएस पुलिस थाने में भादंसं, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच फिलहाल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में दर्ज मामलों के अलावा, बिहार के मुजफ्फरपुर, बांका और सीतामढ़ी जिलों में भी सीताराम के खिलाफ बैंक डकैती, हत्या, मारपीट और अवैध रूप से हथियार रखने समेत कई गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं।
भाषा आनन्द राजकुमार
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