ट्रेन गोलीबारी मामला: अदालत ने आरोपी पूर्व आरपीएफ कांस्टेबल की मेडिकल जांच का आदेश दिया

ट्रेन गोलीबारी मामला: अदालत ने आरोपी पूर्व आरपीएफ कांस्टेबल की मेडिकल जांच का आदेश दिया

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  • Publish Date - December 15, 2025 / 07:54 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 07:54 PM IST

मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के पूर्व कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी की मेडिकल जांच का सोमवार को आदेश दिया, जिसे चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

चौधरी (34) ने मानसिक स्वास्थ्य दिक्कतों का हवाला देते हुए जमानत का अनुरोध किया है।

यह मामला सोमवार को बहस के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन दलीलें सुनने के बजाय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी अदालत) एम. एच. पठान ने ठाणे जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वे चौधरी की चिकित्सा अधिकारी से जांच कराएं और 19 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

वर्तमान में ठाणे जेल में बंद चौधरी पर आरोप है कि उसने 31 जुलाई 2023 को पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर–मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ सहकर्मी सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

भागने की कोशिश करते समय चौधरी को बाद में पकड़ लिया गया और उसका सरकारी हथियार जब्त कर लिया गया। यात्रियों ने ट्रेन की चेन खींच दी थी, जिसके कारण ट्रेन पश्चिम रेलवे नेटवर्क पर मीरा रोड स्टेशन के पास रुक गई।

आरोपी ने अपने अधिवक्ताओं अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से दायर जमानत अर्जी में दावा किया कि वह ‘‘व्हाइट मैटर डिजीज’’ से पीड़ित है, जो मस्तिष्क के श्वेत पदार्थ को होने वाली क्षति या अपक्षय को दर्शाता है।

अभियोजन पक्ष ने अपने लिखित जवाब में जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और इसमें मृत्युदंड की सजा भी सुनायी जा सकती है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर सपकले के माध्यम से दाखिल जवाब में कहा गया है कि महत्वपूर्ण गवाहों से जिरह की जा रही है और आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सामग्री रिकॉर्ड पर लायी जा चुकी है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि इस चरण पर जमानत देने से अभियोजन के मामले को नुकसान पहुंच सकता है।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत