(अभिषेक सोनकर)
भुवनेश्वर, 15 दिसंबर (भाषा) टाटा पावर के सीईओ और प्रबंध निदेशक (एमडी) प्रवीर सिन्हा ने कहा है कि कंपनी निजी कंपनियों के परमाणु क्षेत्र में प्रवेश के लिए जरूरी कानूनी संशोधनों के बाद 20-50 मेगावाट क्षमता वाले छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एमएमआर) परियोजनाओं की स्थापना पर विचार करेगी।
सिन्हा ने पीटीआई-भाषा के साथ एक बातचीत में कहा कि कंपनी ने भविष्य की परमाणु योजनाओं के लिए संभावित स्थानों की खोज शुरू कर दी है।
सरकार ने सोमवार को ‘भारत को बदलने के लिए परमाणु ऊर्जा का सतत उपयोग तथा उन्नयन विधेयक, 2025’ पेश किया। इसका मकसद भारत के नागरिक परमाणु क्षेत्र के कानूनों में व्यापक सुधार करना, इसे निजी भागीदारी के लिए खोलना और नई देयता प्रणाली स्थापित करना है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया।
सिन्हा ने कहा कि देश में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बहुत अवसर हैं। ”जब विधेयक का अंतिम मसौदा सामने आएगा, तब हम देख पाएंगे कि अवसर क्या हैं, लेकिन हम 20-50 मेगावाट के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर ध्यान दे रहे हैं।”
इस क्षेत्र पर अपने विचार साझा करते हुए सिन्हा ने कहा कि नए संयंत्र के आने में समय लगेगा।
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा संबंधी मुद्दे हैं, स्थल संबंधी मुद्दे हैं यानी यह देखना होगा कि ऐसे संयंत्र कहां स्थापित किए जा सकते हैं, ईंधन संबंधी मुद्दे हैं। इसलिए इसमें समय लगेगा, लेकिन अंततः हमारे पास परमाणु संयंत्र होंगे।’
भाषा पाण्डेय रमण
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