उप्र: ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण मामले में अदालत में पेश हुए मुख्य सचिव

उप्र: ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण मामले में अदालत में पेश हुए मुख्य सचिव

उप्र: ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण मामले में अदालत में पेश हुए मुख्य सचिव
Modified Date: March 17, 2025 / 10:51 pm IST
Published Date: March 17, 2025 10:51 pm IST

लखनऊ, 17 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सोमवार को उच्च न्यायालय और प्रदेश की विभिन्न जिला अदालतों में तैनात ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष पेश हुए।

मुख्य सचिव ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इन ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण के संबंध में उच्च न्यायालय से प्राप्त ड्राफ्ट नियमों में कुछ संशोधन करने के बाद मंत्रिमंडल की सिफारिश के लिए भेज दिया गया है और अगले तीन सप्ताह में मंत्रिमंडल की मंजूरी ले ली जाएगी।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल के लिए निर्धारित कर दी।

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न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की पीठ ने रश्मि सिंह की ओर से दाखिल रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1989 में ही इन ‘कोर्ट मास्टरों’ के नियमितीकरण का आदेश दिया था लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हुआ।

पीठ ने इस पर पिछली सुनवाई में नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को तलब किया था।

अदालत ने सोमवार को साथ ही यह भी कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को जारी करने के लिए भेजे गए मसौदा नियमों में कोई संशोधन नहीं किया जाएगा और अगर जरूरी हुआ तो सरकार पहले उच्च न्यायालय की सहमति प्राप्त करेगी।

भाषा सं सलीम जितेंद्र

जितेंद्र


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