लखनऊ: UP Teacher Salary Per Month सरकारी कर्मचारियों के साथ वेतनमान को लेकर हमेशा से दिक्कत रही है। चाहे वो डीए में बढ़ोतरी की बात हो या शिक्षकों की सैलरी आंदोलन करने के बाद ही भुगतान किया जाता है। उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। जी हां परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के 66000 प्रशिक्षु शिक्षक आज भी तीन महीने के बकाया वेतन के तरस रहे हैं। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रति माह 7300 रुपए के हिसाब से छह महीने प्रशिक्षण अवधि का मानदेय का भुगतान किया जाता है।
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UP Teacher Salary Per Month मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2015 में चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को 6 महीने का स्पेशल बीटीसी प्रशिक्षण कराना था। लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्हें 9 महीने की ट्रेनिंग काराई, जिसके बाद 6 महीने के वेतनमान का भुगतान तो किया गया। लेकिन तीन महीने के वेतन के लिए अभी भी सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वैसे अगर चयनीत शिक्षकों के तीन महीने का वेतन जोड़ा जाए तो करीब 144 करोड़ रुपए से अधिक का वेतन बकाया है।
बताया गया कि हर बार फाइल बेसिक शिक्षा निदेशक से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद और फिर सचिव से निदेशक कार्यालय भेज दी जाती है। इस मामले में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े एक कार्यकर्ता ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पीजी पोर्टल पर शिकायत की है।
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72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में ही एकेडमिक मेरिट भर्ती के लिए बेरोजगारों ने दिसंबर 2012 में आवेदन शुल्क के रूप में 290 करोड़ सरकार को दिए थे। एकेडमिक मेरिट से भर्ती न होने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने कई बार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्यों से सूचनाएं तो मंगवाई, लेकिन आज तक रुपये वापस नहीं हो सके।
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