उप्र : जब उपजिलाधिकारी ने स्वीकार की ‘गलती’ और लगायी उठक-बैठक

उप्र : जब उपजिलाधिकारी ने स्वीकार की 'गलती' और लगायी उठक-बैठक

उप्र : जब उपजिलाधिकारी ने स्वीकार की ‘गलती’ और लगायी उठक-बैठक
Modified Date: July 29, 2025 / 10:21 pm IST
Published Date: July 29, 2025 10:21 pm IST

शाहजहांपुर (उप्र), 29 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पुवायां तहसील के उपजिलाधिकारी रिंकू सिंह राही ने अपनी तैनाती के पहले दिन अपनी ‘गलती’ मानते हुए अधिवक्ताओं की भीड़ में उठक-बैठक लगाई।

उपजिलाधिकारी के पद पर अपनी तैनाती के पहले दिन राही ने तहसील परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें परिसर में काफी गंदगी देखने को मिली। इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों को खुले में पेशाब करते हुए देखा तो उनसे उठक-बैठक लगवायी ताकि अन्य लोग ऐसा न करें।

बाद में तहसील परिसर में कुछ अधिवक्ताओं ने राही का ध्यान तहसील में व्याप्त गंदगी की तरफ दिलाया तो उन्होंने गलती मानते हुए खुद कान पकड़कर उठक-बैठक लगा दी। इस घटना की क्षेत्र में खासी चर्चा हो रही है।

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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी राही ने बताया कि मंगलवार को जब वह तहसील परिसर में निरीक्षण कर रहे थे तभी उन्हें शौचालय के पड़ोस में कुछ लोग पेशाब करते हुए दिखे। जब उन्होंने उनसे शौचालय में जाने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने लोगों को भविष्य में ऐसी हरकत नहीं दोहराने के लिये उनसे उठक-बैठक करवाई।

राही ने बताया, ”तहसील परिसर में ही अधिवक्ता हड़ताल कर रहे थे। वहां मैं उनके पास गया तो वकीलों ने खुले में पेशाब कर रहे लोगों और अन्य लोगों से उठक-बैठक करवाने के कारणों के बारे में पूछा। इस पर मैंने उन्हें कारण बताये। इसके बाद अधिवक्ता कहने लगे कि आपकी तहसील में भी तो काफी गंदगी फैली हुई है। आवारा जानवर घूम रहे हैं और शौचालय गंदे हैं।”

उन्होंने बताया, ”इसी बीच अधिवक्ताओं ने मुझसे कहा कि क्या आप इस कमी के लिये उठक-बैठक कर सकते हैं, तो मैंने हां कर दी क्योंकि हमारी गलती थी। फिर अधिवक्ताओं ने कहा कि आप उठक-बैठक लगा दो तो मैंने लगा दी।”

उप जिलाधिकारी ने कहा, ”मुझे तहसीलदार ने बताया है कि यहां 10 दिन पहले काफी गंदगी रहती थी, उन्होंने काफी हद तक गंदगी साफ करवा दी है। इसके बाद भी तहसील में गंदगी है तो यह हमारी गलती है और मैं इसे स्वीकार करता हूं।”

बहरहाल, इस घटना की क्षेत्र में खासी चर्चा हो रही है।

भाषा

सं, सलीम, रवि कांत रवि कांत


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