उत्तर प्रदेश ने 2024-25 में देश में सबसे अधिक क्षतिपूरक वनीकरण हासिल किया: सरकार

उत्तर प्रदेश ने 2024-25 में देश में सबसे अधिक क्षतिपूरक वनीकरण हासिल किया: सरकार

उत्तर प्रदेश ने 2024-25 में देश में सबसे अधिक क्षतिपूरक वनीकरण हासिल किया: सरकार
Modified Date: May 28, 2025 / 08:42 pm IST
Published Date: May 28, 2025 8:42 pm IST

लखनऊ, 28 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के कैम्पा निधि के प्रभावी उपयोग के माध्यम से वर्ष 2024-25 में देश में सबसे अधिक क्षतिपूरक वनीकरण हासिल किया है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ने क्षतिपूरक वनीकरण निधि (कैम्पा) के उपयोग से वर्ष 2024-25 में 32,933 हेक्टेयर पर क्षतिपूरक वनीकरण का कार्य किया है जो लक्ष्य का लगभग 86 प्रतिशत है।

बयान में कहा गया है कि इसमें शिवालिक वन प्रभाग, काशी वन्यजीव और वाराणसी वन प्रभाग के वनीकरण का विशेष योगदान है।

 ⁠

साथ ही कैम्पा निधि से राज्य के पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। इसके तहत महाराजगंज में जटायु प्रजनन केंद्र का निर्माण, जल शोधन, मृदा संरक्षण, पेट्रोलिंग चौकियों और वाहनों की व्यवस्था जैसे कार्य किये हैं।

बयान में कहा गया है कि निधि का उपयोग कर महाराजगंज के कैपियरगंज रेंज में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र सितंबर 2024 में स्थापित किया गया और ये संकटग्रस्त एशियाई गिद्धों के संरक्षण के लिए विश्व में ऐसा पहला प्रजनन केंद्र है।

बयान के मुताबिक, वन एवं वन्य जीव विभाग ने कैम्पा निधि का प्रबंधन और उपयोग कर वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक क्षतिपूरक वनीकरण का कार्य किया है।

वन एवं वन्य जीव विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उप्र में अब तक 47,635 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की गई है, जिसमें से 38,092 हेक्टेयर के लिए क्षतिपूरक वनीकरण का लक्ष्य रखा गया था।

विभाग ने 31 मार्च 2025 तक 32,933.97 हेक्टेयर पर वनीकरण कार्य कर लिया है, जो लक्ष्य का लगभग 86 प्रतिशत है।

कैम्पा निधि का प्रबंधन और उपयोग प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि अधिनियम 2016 और 2018 के तहत किया जाता है।

बयान के मुताबिक, साथ ही वर्ष 2025-26 के लिए राज्य ने क्षतिपूरक वनीकरण के लिए 1896 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है।

भाषा जफर

रवि कांत नोमान

नोमान


लेखक के बारे में