उप्र: चंद्रचूड़ सिंह ने पुश्तैनी जायदाद को लेकर पारिवारिक विवाद के बीच जिला प्रशासन से संपर्क किया

उप्र: चंद्रचूड़ सिंह ने पुश्तैनी जायदाद को लेकर पारिवारिक विवाद के बीच जिला प्रशासन से संपर्क किया

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  • Publish Date - December 3, 2025 / 11:33 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 11:33 PM IST

अलीगढ़ (उप्र), तीन दिसंबर (भाषा) ‘माचिस’ जैसी हिट फिल्मों के अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह ने 19वीं सदी की एक बड़ी पुश्तैनी जायदाद पर बढ़ते पारिवारिक विवाद को लेकर अलीगढ़ जिला प्रशासन से संपर्क किया है।

चंद्रचूड़ सिंह और उनके भाई ने मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार एवं जिलाधिकारी संजीव रंजन से मुलाकात की और इस दौरान उनकी मां भी उनके साथ थीं।

अभिनेता ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें डर है कि उनकी पुश्तैनी हवेली चुपके से बेची जा रही है।

चंद्रचूड़ सिंह ने बुधवार को ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा को दिए एक बयान में कहा, “जिलाधिकारी साहब हमारा ध्यान रखेंगे। हम इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हमारी पुश्तैनी जमीन और हवेली पर विवाद है। कुछ गलत हो रहा है और हम इसे रोकने आए हैं। जो भी हो वह सही और इंसाफ वाला होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यह 1885 की एक संयुक्त पारिवारिक संपत्ति है, जिसे ‘कल्याण भवन’ के नाम से जाना जाता था।

विवाद की जड़ ‘कल्याण भवन’ है, जो छह एकड़ में फैला है।

इसका निर्माण 1885 में अतरौली (अवागढ़) के राजा द्वारा अलीगढ़ के पूर्व विधायक और चंद्रचूड़ सिंह के पिता कैप्टन बलदेव सिंह के परदादा ठाकुर कल्याण सिंह को तीन गांव उपहार में दिए जाने के बाद हुआ था।

यह संपत्ति मूल रूप से तत्कालीन जलालपुर गांव का हिस्सा थी, जो आज अलीगढ़ की शहरी सीमा में स्थित है।

परिवार के सदस्यों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समकालीन दिवंगत कैप्टन बलदेव सिंह के वंशजों और उनके सबसे छोटे भाई गंगा सिंह के बच्चों के बीच मतभेद वर्षों से गहराते गए।

गंगा सिंह 1965 के युद्ध में शामिल हुए थे और उन्होंने 1960 के दशक के अंत में परिवार की बड़ी संपत्ति संभालने के लिए सेना छोड़ दी थी।

कभी कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे कैप्टन बलदेव सिंह ने 1989 में वी.पी. सिंह के साथ पार्टी छोड़ दी थी।

बाद में उन्होंने जनता दल के टिकट पर अलीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा की शीला गौतम से मामूली अंतर से हार गए।

उनकी पत्नी कृष्णा देवी ओडिशा के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

रिश्तेदारों के अनुसार, गंगा सिंह ने 1990 के दशक के अंत में इस संपत्ति पर नियंत्रण तब संभाला था, जब कैप्टन बलदेव सिंह राजनीति में और बाद में अपने बेटों चंद्रचूड़ और अभिमन्यु सिंह के फिल्म निर्माण कार्यों में व्यस्त थे।

उनकी चाची गायत्री देवी ने भी चंद्रचूड़ सिंह के दावों को चुनौती देते हुए जिला अधिकारियों से संपर्क किया था।

गायत्री देवी गुजरात के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं और दिवंगत गंगा सिंह की तलाकशुदा पत्नी हैं।

चूंकि यह संपत्ति अब राष्ट्रीय राजमार्ग के पास घनी आबादी वाले इलाके में स्थित है, इसलिए इसकी कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे यह विवाद और भी गहरा गया है।

भाषा सं किशोर जफर जितेंद्र

जितेंद्र