उत्तर प्रदेश पुलिस ने छह महीनों से फर्जी आईएएस बनकर घूम रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया
उत्तर प्रदेश पुलिस ने छह महीनों से फर्जी आईएएस बनकर घूम रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया
गोरखपुर (उप्र), 11 दिसम्बर (भाषा) पिछले छह महीनों से फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर घूम रहे एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उसने बताया कि आरोपी की पहचान बिहार के सीतामढ़ी के ललित किशोर के रूप में हुई है जो खुद को आईएएस अधिकारी “गौरव कुमार” बताता था। पुलिस के अनुसार ललित को बुधवार को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने कथित तौर पर फर्जी निरीक्षण, ठेके और नौकरियों का वादा करके बड़े पैमाने पर उगाही का रैकेट चला रखा था। उसके साले अभिषेक कुमार और सहयोगी परमानंद गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब पुलिस को एक गुमनाम शिकायत मिली, जिसके बाद जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि ललित चिलुआताल में एक किराए के घर में रहता है और झुंगिया बाजार में उसने एक कार्यालय खोल रखा है।
पुलिस ने बताया कि असली दिखने के लिए, वह लाल बत्ती लगी गाड़ियों में घूमता था, जाली सरकारी नेमप्लेट लगाता था और यहां तक कि 30,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से 10 बंदूकधारी और 60,000 रुपये में एक स्टेनोग्राफर भी रखा हुआ था।
पुलिस ने नकदी, जाली पहचान पत्र, लैपटॉप, गहने और कई एआई-जेनरेटेड तस्वीरें बरामद कीं, जिनमें ललित ने पीड़ितों को लुभाने के लिए असली अधिकारियों के चेहरों की जगह अपना चेहरा लगा दिया था।
पुलिस के मुताबिक ललित ने कथित तौर पर निजी स्कूलों में फर्जी “निरीक्षण” किए और बड़ी रकम वसूली। एक मामले में, उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर एक स्कूल से 55 लाख रुपये तक की मांग की थी।
पुलिस के अनुसार, ललित ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश में लोगों को ठगा है।
पटना के एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने ठेके पाने के लिए ललित को 1.70 करोड़ रुपये से ज़्यादा पैसे और दो गाड़ियां दी थीं।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी ने कहा, “फर्जी आईएएस अधिकारी ललित किशोर और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर (विधिक कार्रवाई के तहत)जेल भेज दिया गया है… जिस किसी को भी ठगा गया है, उनसे अनुरोध है कि वे पुलिस ऑफिस आकर शिकायत दर्ज कराएं।”
भाषा सं जफर राजकुमार
राजकुमार

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