उप्र : वाटरशेड कमेटी को अब जलागम समिति के रूप में जाना जायेगा

उप्र : वाटरशेड कमेटी को अब जलागम समिति के रूप में जाना जायेगा

उप्र : वाटरशेड कमेटी को अब जलागम समिति के रूप में जाना जायेगा
Modified Date: July 3, 2025 / 03:50 pm IST
Published Date: July 3, 2025 3:50 pm IST

लखनऊ, तीन जुलाई (भाषा) उप्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अब वाटरशेड समितियों को ‘जलागम समिति’ के रूप में पुनः ब्रांड किया है, जो स्थानीय भाषा और पहचान में निहित शब्द है। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है।

बयान में कहा गया है कि वॉटरशेड कमेटी का नाम स्थानीय भाषा और पहचान को ध्यान में रखते हुए ‘जलागम समिति’ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवेश के लोगों को योजना की अवधारणा से सहज रूप से जोड़ना है।

उप्र सरकार ने जल संरक्षण और भूमि प्रबंधन की दिशा में जल संसाधन के समुचित संरक्षण, प्रबंधन और विकास के लिए ग्रामीण स्तर पर वॉटरशेड कमेटी का गठन किया है।

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प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 परियोजना के दिशा निर्देश के अनुसार ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तर पर वॉरटशेड कमेटी का गठन किया है।

इसके मुताबिक परती भूमि विकास विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय से जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इसी के तहत सरकार ने पिछले आठ वर्षों में हर खेत को पानी पहुंचाने के उद्देश्य से ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ और ‘कैच द रेन’ जैसी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ हजारों चेक डैम, जलाशय और तालाबों का निर्माण कराया है।

ऐसे में सरकार ने ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाते हुए वॉटरशेड कमेटी का गठन किया है।

इसके साथ वॉटरशेड कमेटी का नाम स्थानीय भाषा और पहचान को ध्यान में रखते हुए ‘जलागम समिति’ कर दिया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवेश के लोगों को योजना की अवधारणा से सहज रूप से जोड़ना है।

भाषा जफर मनीषा रंजन

रंजन


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