विश्व माहवारी दिवस: पीरियड्स में पति को छू लिया तो सास मारती है, महिला ने कहा- पैड भी नहीं मंगाने देती
World Menstruation Day: पीरियड्स से जुड़े भ्रम, बीमारियों को लेकर जागरूकता पर बात करती लै, लेकिन कुछ महिलाएं और लड़कियां ऐसी भी हैं जिन्हें माहवारी तो पता है।
World Menstruation Day
World Menstruation Day लखनऊ। आज विश्व माहवारी दिवस है। आज के दिन पूरी दुनिया माहवारी यानी पीरियड्स के वक्त होने वाली समस्या पर बात करती है। पीरियड्स से जुड़े भ्रम, बीमारियों को लेकर जागरूकता पर बात करती लै, लेकिन कुछ महिलाएं और लड़कियां ऐसी भी हैं जिन्हें माहवारी तो पता है। लेकिन ऐसे वक्त में क्या करना है, कैसे करना है जैसी चीजें ही नहीं पता। ग्रामीण इलाकों में और बस्तियों में रहने वाली महिलाएं तो पीरियड्स से जुड़ी बातें करने भी शर्म महसूस करती हैं।
पीरियड्स में ना बिस्तर पर सोते ना पति के पास
दरअसल, राजधानी लखनऊ के एक बस्ती में ही रहने वाली एक महिला जब इस बारे में चर्चा की गई तो रेखा कहती है कि मेरी शादी को दो साल हुए हैं। जब मैं शादी करके यहां आई, तो घर से बाकी सामान के साथ पैड भी लाई थी। कुछ महीने तो वो काम कर गया, लेकिन उसके बाद से मैं कपड़ा ही इस्तेमाल करती हूं। मैंने अपनी सास से पैड मंगवाने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया और मुझे कपड़ा इस्तेमाल करने के लिए कहा। तब मैंने पहली बार कपड़ा इस्तेमाल किया था। अब तो आदत हो गई है।
World Menstruation Day वे कहती हैं कि उनके ससुराल ने पीरियड्स के वक्त बेड या खटिया के ऊपर सोने की इजाजत नहीं है। उन्हें एक चादर बिछाकर नीचे ही सोना पड़ता है। रेखा ने बताया कि शुरू-शुरू में पीरियड्स के दौरान वो अपने पति के पास बैठ गई थी तो सास ने उन्हें मारा था और कहा कि ऐसे दिनों में पति से दूर रहा करो। तब से महीने के 4-5 दिन उनकी जिंदगी एकदम अलग हो जाती है।
पीरियड्स पर खुलकर बात करने में आती है शर्म
बस्ती में रहने वाली महिलाओं से बात करके हमने जाना कि उन्हें आज भी पीरियड्स के बारे में खुलकर बोलने में शर्म आती है। इसी वजह से वो घर में रहने वाले मर्दों से सैनिटरी नैपकिन तक नहीं मंगवा सकतीं। कई महिलाओं के घर में आज भी जमीन पर सोने और पति के पास ना जाने जैसी पुरानी प्रथाएं मानी जाती हैं। पीरियड्स को लेकर महिलाओं की लापरवाही और चुप्पी की वजह से कई महिलाओं की मौत हो जाती है। साल 2019 में हुए ऐसे ही एक केस सामने आया था।
पीरियड्स में एक कपड़ा बार-बार इस्तेमाल करने से मौत हो गई
अहमदनगर की 28 साल की महिला एक ही कपड़े को बार-बार पीरियड्स में इस्तेमाल करती थी। एक दिन उसकी तबीयत बहुत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे टॉक्जिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) हो गया, जो बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से होता है। उसके अंगों में इन्फेक्शन फैल गया और आखिर में मौत हो गई।
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