Jhansi News : आस्था और अंध विश्वास में गई युवक की जान..! मृत व्यक्ति को जीवित करने का दावा, लगा देवी दरबार, फिर..
Young man lost his life due to faith and superstition in Jhansi: झांसी में मृत व्यक्ति को जीवित करने का दावा चर्चा का विषय बन गया।
Young man lost his life due to faith and superstition in Jhansi
Young man lost his life due to faith and superstition in Jhansi : झांसी। शारदीय नवरात्रि के नवमे दिन झांसी के मऊरानीपुर में आस्था और अंध विश्वास से जुड़ा मामला सामने आया है। जहां एक मृत व्यक्ति को जीवित करने का दावा चर्चा का विषय बन गया। जिसकी खबर क्षेत्र में आग की तरह फेल गई। और आस्था और भक्ति में विश्वास रखने वालो की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लेकिन जब मृत व्यक्ति जीवित नहीं हुआ तो आस्था और भक्ति में विश्वास रखने वाले लोग स्थान से चले गए।
Young man lost his life due to faith and superstition in Jhansi : बुंदेलखंड में धार्मिक आस्था रखने वाले लोगो के लिए जगह जगह दरबार तो कही भविष्य बताने वाले अब हर शहर व गांव में देखे जाने लगे है। अब इसे आस्था कहे या अंधविश्वास। ऐसा ही एक मामला झांसी जिले की तहसील मऊरानीपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम हीरापुर में देखने को मिला। जहा हीरापुर निवासी पंचम लाल की बीमारी के चलते सुबह लगभग तीन बजे मौत हो गई तो वही धार्मिक आस्था पर विश्वास रखने वाले लोगो ने मृत पंचम को गांव के बाहर बने देवी चबूतरा पर चलने को कहा। बताया गया कि उक्त देवी चबूतरा पर सुबह तीन बजे से एक महिला को देवी की सवारी आई और देवी ने उसे जीवित करने का दावा मौजूद सैकड़ों लोगों के सामने किया।
जब लगभग ग्यारह बजे परिजन पंचम को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया और बताया कि पंचम की मौत सुबह सात बजे लगभग हो गई थी। जबकि परिवार के लोग उसकी मौत तीन बजे होना बता रहे है। और दरबार में सांसे चलने की बात कह रहे। तो यहां सवाल यह उठता है जब पंचम तीन बजे मृत हो गया और डॉक्टर उसकी मौत सुबह सात बजे लगभग बता रहे है । तो क्या चार घंटे पंचम की सांसे चल रही थी। और अगर चल रही थी तो समय रहते उसे चिकित्सीय उपचार मिल जाता तो शायद वह बच सकता था। लेकिन आस्था और अंध विश्वास के चलते युवक की मौत हो गई। वहीं थक हार के परिजन अब युवक के अंतिम संस्कार में जुट गए।

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