5.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती, 162 लोगों की मौत, अभी और बढ़ सकता है आंकड़ा

5.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती, 162 लोगों की मौतः 5.4 magnitude earthquake shook the earth, 162 people died

5.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती, 162 लोगों की मौत, अभी और बढ़ सकता है आंकड़ा

5.4 magnitude earthquake shook the earth

Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: November 21, 2022 10:31 pm IST

सियांजुर : 5.4 magnitude earthquake shook the earth इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को आए भीषण भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण कई मकान गिर गए हैं। भूकंप जनित हादसों से देश में अभी तक कम से कम 162 लोगों की मौत हुई है जबकि सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। भूकंप से दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और अपनी जान बचाने के लिए सड़कों और गलियों में भाग रहे लोगों में से कई घायल और खून से लथपथ नजर आए। अधिकारी देश के सुदूर इलाकों में भूकंप से हताहत हुए लोगों की संख्या के संबंध में अभी जानकारी जुटा रहे हैं। जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 162 हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं।’’ उन्होंने बताया कि भूकंप के वक्त पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद इस्लामिक स्कूल में तालीम ले रहे थे।

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5.4 magnitude earthquake shook the earth सियांजुर में सबसे बड़ी संख्या में इस्लामिक आवासीय स्कूल और मस्जिद हैं। कामिल ने कहा, ‘‘कई इस्लामिक स्कूलों में हादसे हुए हैं।’’ अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने कहा कि 5.4 तीव्रता का भूकंप पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में केंद्रित था। इंडोनेशिया की मौसम एवं जलवायु विज्ञान और भूभौतिकीय एजेंसी के मुताबिक, भूकंप आने के बाद 25 झटके और दर्ज किए गए। सियांजुर क्षेत्रीय अस्पताल में उपचाराधीन श्रमिक हसन ने कहा, ‘‘ भूकंप बेहद जबरदस्त था और मैं बेहोश हो गया था। मैंने देखा कि मेरे साथी इमारत से बाहर भाग रहे हैं लेकिन मुझे निकलने में देरी हो गई और मैं दीवार से टकरा गया।’’ सियांजुर में बचाव दल के सदस्यों के अलावा स्थानीय लोग भी राहत एवं बचाव कार्य में मदद करते दिखे। घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए क्योंकि वे ढह गईं इमारतों की चपेट में आ गए। दुकानदार डी. रिस्मा अपने ग्राहकों से बात कर रही थीं कि अचानक ही भूकंप ने तबाही मचा दी। उन्होंने कहा, ‘‘भूकंप का झटका जोरदार था, जिसके चलते सड़कों पर वाहन रूक गए। मैंने तीन बार झटके महसूस किए लेकिन पहला झटका सबसे जबरदस्त था। मेरी दुकान के बाद वाली दुकान की छत गिर गई।’’

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सियांजुर एजेंसी के प्रमुख हरमन सुहेरमन ने बतायाथा कि सोमवार शाम तक मृतक संख्या 62 तक पहुंच गई और सैकड़ों लोग घायल हैं। राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने कहा कि सैकड़ों लोग घायल हैं। एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि सिजेडिल गांव में 25 लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। एजेंसी ने कहा कि एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल, एक अस्पताल और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं सहित दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। एक बयान में कहा गया है कि हताहतों की संख्या और नुकसान के बारे में जानकारी अभी एकत्र की जा रही है। जकार्ता में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। राजधानी में ऊंची इमारतें हिल गईं और कुछ को खाली करा लिया गया।

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दक्षिण जकार्ता में एक कर्मचारी विडी प्रिमाधनिया ने कहा, “भूकंप बहुत तेज महसूस हुआ। मैंने और नौवीं मंजिल पर स्थित मेरे दफ्तर में मेरे सहकर्मियों ने आपातकालीन सीढ़ियों से बाहर निकलने का फैसला किया।” विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र में अक्सर भूकंप आते हैं, लेकिन जकार्ता में उन्हें महसूस करना असामान्य है। इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से अधिक है और यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट तथा सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है।

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इस साल फरवरी में, पश्चिम सुमात्रा प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी और 460 से अधिक घायल हो हुए थे। जनवरी 2021 में, पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 लोग घायल हो गए थे। 2004 में हिंद महासागर में आए एक शक्तिशाली भूकंप और सुनामी ने एक दर्जन देशों में लगभग 2,30,000 लोगों की जान ली थी, जिनमें से अधिकतर इंडोनेशिया में थे।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।